पटना: बिहार सरकार ने वाहन मालिकों और खरीददारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 21 अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में भारी कटौती करने का फैसला लिया गया। इस निर्णय से राज्य में वाहन खरीदने और रजिस्ट्रेशन कराने वालों को आर्थिक लाभ मिलेगा और सरकार के राजस्व में भी वृद्धि की उम्मीद है।
रजिस्ट्रेशन शुल्क में 60 से 70 फीसदी तक की कमी
कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए बताया कि मोटर वाहन नियमावली 1992 के नियम 74 और 82 में संशोधन किया गया है। इसके तहत विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में 60 से 70 फीसदी तक की कमी की गई है।
- बाइक: पहले जहां बाइक के रजिस्ट्रेशन के लिए 1650 रुपये लगते थे, अब इसे घटाकर 1150 रुपये कर दिया गया है।
- ऑटो रिक्शा: ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन शुल्क 5650 रुपये से घटाकर मात्र 1150 रुपये कर दिया गया है।
- मोटर कैब (कार, विंगर, मैक्सी आदि): 5 से 13 सीटों वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन शुल्क 23,650 रुपये से कम करके 4150 रुपये कर दिया गया है।
इस प्रकार, अब 10 लाख रुपये की कीमत वाली गाड़ी का रजिस्ट्रेशन शुल्क जो पहले 23,000 से 30,000 रुपये के बीच होता था, वह अब केवल 5,000 से 7,000 रुपये के बीच होगा।
निर्णय के पीछे की वजह
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य राज्य में अधिक से अधिक वाहनों की खरीदारी को प्रोत्साहित करना है। अब तक उच्च रजिस्ट्रेशन शुल्क के कारण कई लोग पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते थे, जहां शुल्क बिहार की तुलना में 10 से 15 फीसदी कम होता था। नई दरों से उम्मीद है कि लोग अब बिहार में ही अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराएंगे, जिससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी।
वाहन विक्रेताओं और डीलरों में खुशी की लहर
राज्य सरकार के इस निर्णय से वाहन विक्रेता और डीलर भी बेहद उत्साहित हैं। पटना के एक प्रमुख वाहन डीलर, नितिन कुमार रिंकू ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “इस कदम से बिहार में वाहन बाजार को नई गति मिलेगी। अब ग्राहक बिना किसी अतिरिक्त बोझ के आसानी से वाहन खरीद और रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इससे न सिर्फ बिक्री में वृद्धि होगी बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।”
रजिस्ट्रेशन शुल्क में इस कटौती से आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा और वाहन खरीदना अधिक सुलभ हो जाएगा। साथ ही, राज्य सरकार को भी दीर्घकालिक रूप से राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है। यह निर्णय बिहार में परिवहन क्षेत्र को नई दिशा और गति प्रदान करेगा और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।