Bihar Cabinet Expansion: नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले वाली एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल का आज विस्तार हो गया है. इस मंत्रिमंडल विस्तार में जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के 9 विधायकों के अलावा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 12 विधायकों को भी शामिल कियागया है. इस मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है. जिसमें 6 सवर्ण,6 दलित (SC), 4 अति पिछड़ा (OBC),4 पिछड़ा (BC),1 मुस्लिम शामिल हैं. जानिए कौन-कौन बना मंत्री-
रेणु देवी: सबसे पहले रेणु देवी (नोनिया) ने शपथ ली जो अति पिछड़ा वर्ग से आती हैं. वह पिछली बार गठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम रही थीं. इसके अलावा वह राज्य में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं. वह राज्य में बीजेपी का बड़ा चेहरा मानी जाती हैं. बीजेपी की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रही हैं. बेतिया निर्वाचन क्षेत्र से चार बार की विधायक हैं.
मंगल पांडे: मंगल पांडे बीजेपी का बड़ा सवर्ण चेहरा माने जाते हैं. वह 3 बार एमएलसी रह चुके हैं. बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके मंगल पांडे बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रहने के अलावा 2017 में हिमाचल प्रदेश के पूर्व चुनाव प्रभारी भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह बंगाल बीजेपी के प्रभारी भी रह चुके हैं. बिहार में उनकी गिनती बीजेपी के बड़े और तेज-तर्रार नेताओं में होती हैं.
नीरज कुमार सिंह: नीरज कुमार सिंह बिहार के छातापुर से बीजेपी के विधायक हैं. 2021 में वह पर्यावरण और वन मंत्री रह चुके हैं और बिहार के बड़े राजपूत नेता माने जाते हैं. नीरज कुमार सिंह 5 बार के विधायक हैं. 2015 तक वह जेडीयू में थे.
अशोक चौधरी: जेडीयू नेता अशोक चौधरी महादलित समुदाय से आते हैं. पहले कांग्रेस में थे और अभी जेडीयू में हैं. अशोक चौधरी चार साल से भी ज्यादा समय तक बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं और 2018 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.. वह जेडीयू का चुनावी मैनेजमेंट संभालते हैं. वह पूर्व मंत्री महावीर चौधरी के बेटे हैं.
लेसी सिंह: लेसी सिंह की गिनती जेडीयू के बड़े नेताओं में होती है. वह धमदाहा से विधायक हैं और पिछली बार नीतीश सरकार में खाद्य और उपभोक्ता मामले विभाग की मंत्री रही हैं. उनके पति बूटन सिंह की सन 2000 में हत्या हो गई थी. पति की हत्या के बाद वह राजनीति में आईं.
मदन सहनी: लेसी सिंह के बाद जेडीयू नेता मदन सहनी ने मंत्री पद की शपथ ली. वह बिहार सरकार में समाज कल्याण विभाग के मंत्री रह चुके हैं. वह बहादुरपुर से जेडीयू के विधायक हैं.पिछली बार उन्हें खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री बनाया गया.
नीतीश मिश्रा: बीजेपी नेता नीतीश मिश्रा मधुबनी जिले के झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उनकी गिनती बीजेपी के अहम सवर्ण चेहरों में होती हैं और वह भाजपा-बिहार के उपाध्यक्ष भी हैं. 2015 में वह कैबिनेट मंत्री रहे थे.
नितीन नबीन: नितीन नबीन बीजेपी का सवर्ण चेहरा हैं. वह दिग्गज भाजपा नेता नवीन किशोर सिन्हा के बेटे हैं. वह बांकीपुर से 4 बार विधायक हैं रहे हैं. वह छत्तीसगढ़ बीजेपी के सह प्रभारी भी हैं.
डॉ. दिलीप जायसवाल: बीजेपी का पिछड़ा (वैश्य) चेहरा दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद की शपथ ली है. वह बिहार विधान परिषद में बीजेपी के उप मुख्य सचेतक रहे हैं.उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव किशनगंज से लड़ा था.
महेश्वर हजारी: जेडीयू नेता महेश्वर हजारी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं. इसके अलावा वह राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
शीला कुमारी: जेडीयू नेता शीला कुमारी मंडल बिहार राज्य के मधुबनी जिले के फुलपरास विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.वह राज्य सरकार में परिवहन और संचार मंत्री रह चुकी हैं.
सुनील कुमार: भोरे से विधायक चुने गए सुनील कुमार पहली बार एनडीए के सरकार में बने थे मद्य निषेध मंत्री बने थे.सुनील कुमार एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भी रहे हैं.
जनक राम: बिहार के गोपालगंज के पूर्व सांसद और बिहार के पूर्व भूतत्व व खनन मंत्री जनक राम भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता भी हैं. वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं.
हरि सहनी: बीजेपी नेता हरि सहनी बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वह पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं.
कृष्णनंदन पासवान: बीजेपी का दलित चेहरा (पासवान) माने जाने वाले कृष्णनंदन पासवान हरसिद्धि विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह पूर्व में भी राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
जयंत राज: जेडीयू नेता जयंत राज (कुशवाहा) पिछड़ा समाज से आते हैं. राज्य के अमरपुर से विधायक रहे जयंत राज्य बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री रहे हैं.
आपको बता दें कि 28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर इस्तीफा दे दिया था और उसी दिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी. इस दौरान उनके बीजेपी नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी.
इसके अलावा, भाजपा कोटे से एक और जनता दल यूनाईटेड के तीन और जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के एक मंत्री और इकलौते निर्दलीय विधायक ने मंत्री पद ने शपथ ली थी. मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में काफी समय से अटकले लगाई जा रही थीं.