पटना: बिहार कैडर के 200 से अधिक आईपीएस अधिकारियों को 31 जनवरी तक अपनी अचल संपत्ति का विवरण ऑनलाइन समर्पित करना अनिवार्य किया गया है। गृह विभाग ने इस संबंध में डीजीपी को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि सभी शेष अधिकारियों से यह कार्य समय पर पूरा करवाया जाए। नियमों के अनुसार, संपत्ति का विवरण जमा न करने वाले अधिकारियों का वेतन रोका जा सकता है।
गृह विभाग के अनुसार, अब तक केवल 123 आईपीएस अधिकारियों ने 22 जनवरी तक वार्षिक अचल संपत्ति का विवरण जमा किया है। जबकि राज्य में कुल आईपीएस अधिकारियों की संख्या 221 है। ऐसे में अभी भी बड़ी संख्या में अधिकारी इस अनिवार्य प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि विवरण जमा न करने वाले अधिकारियों की मूल्यांकन रिपोर्ट भी लंबित रहेगी, जिससे उनके करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अखिल भारतीय सेवाएं नियमावली के तहत, सभी आईपीएस अधिकारियों को हर साल पहली जनवरी को उपलब्ध संपत्ति के आधार पर स्पैरो सिस्टम पर विवरण देना होता है। यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करती है, बल्कि केंद्र सरकार की निगरानी और स्वच्छता मानकों के लिए भी आवश्यक है।
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इससे पहले, दिसंबर में भी गृह विभाग ने अधिकारियों को संपत्ति का विवरण समय पर जमा करने का निर्देश दिया था। लेकिन इसके बावजूद, बड़ी संख्या में अधिकारी अब तक इसमें विफल रहे हैं। इस कारण गृह विभाग ने एक बार फिर डीजीपी को पत्र लिखकर 31 जनवरी की अंतिम तिथि का अल्टीमेटम दिया है।
गौरतलब है कि बिहार सरकार के मंत्रियों को भी अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण हर साल 31 दिसंबर तक घोषित करना होता है। ऐसे में आईपीएस अधिकारियों को भी समय पर अपनी संपत्ति की जानकारी देना आवश्यक है। गृह विभाग का यह कदम पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।