Bihar Weather: बिहार के अलग-अलग जिलों में सामान्य से 5 प्रतिशत से लेकर 45 प्रतिशत तक बारिश कम हुई है. इस बीच प्रदेश में दो-चार जिलों को छोड़कर फिलहाल आगामी चार दिनों तक बारिश के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं. मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, बिहार और आसपास के क्षेत्रों में कोई नया सिस्टम बनता नहीं दिख रहा है. वहीं, मानसून का टर्फ लाइन भी बिहार से काफी दूर होकर गुजर रही है इससे प्रदेश में सामान्य वर्षा नहीं हो रही है.
लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हैं और बारिश का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने शुक्रवार को राज्य के चार जिले नालंदा, नवादा, बक्सर और सीवान में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं शेष जिलों में 31 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना नहीं है.
दरअसल, मानसून के अक्षीय रेखा बीकानेर, सीकर. ग्वालियर से होकर रांची होते हुए गुजर रही है जिससे प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए रहेंगे लेकिन जमकर बारिश नहीं होगी. हालांकि, इस प्रभाव से दक्षिण बिहार के कुछ-कुछ जिलों में हवा चलने के कारण तापमान में थोड़ी कमी आ सकती है, लेकिन उमस भरी गर्मी से राहत नहीं मिलेगी.
बता दें कि बिहार में कई जिलों में सामान्य से बेहद कम बारिश हुई है. गत 25 जुलाई तक प्रदेश के 36 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है. सहरसा, समस्तीपुर और वैशाली में 54 प्रतिशत सबसे कम बारिश हुई है. इसके अतिरिक्त सारण में 53 प्रतिशत, मधेपुरा में 49, पटना में 48, रोहतास में 47, भभुआ में 46, मुजफ्फरपुर में 45 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
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वहीं, अररिया में 14, अरवल में 5, औरंगाबाद में 29, बांका में 19, भागलपुर में 39, भोजपुर में 37, बक्सर में 27, पूर्वी चंपारण में 20, गया में 23, गोपालगंज में 24, जहानाबाद में 31, जमुई में 26, कटिहार में 33 प्रतिशत कम बारिश हुई है. ऐसे में किसानों के समक्ष धान रोपनी की समस्या उत्पन्न हो गई है. किसान पंपिंग सेट से धान रोपने के जुगाड़ में हैं जो काफी महंगे होते हैं.