पूर्णिया: समर्पण मैटरनिटी अस्पताल में वीडियो कॉल के माध्यम से गर्भवती महिला का ऑपरेशन करवाने का आरोप लगा है। इस दौरान महिला की मौत हो गई। महिला की मौत पर स्वजनों ने लापरवाही के लिए डॉक्टर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
घटना के बाद सिविल सर्जन ने मामले में तुरंत अस्पताल की जांच करने के लिए टीम गठित कर दी है। डॉक्टर पर वीडियो कॉल के माध्यम से महिला का ऑपरेशन कराने का आरोप लगा है।
अस्पताल का स्टाफ फरार
ऑपरेशन के दौरान 22 वर्षीय महिला की मौत हो गई। स्वजन का आरोप है कि अस्पताल की संचालिका डॉ. सीमा कुमारी पटना में थी। उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से नर्स से ही सर्जरी करवा दी।
ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की नस कट गई, जिससे उसकी मौके पर ही दम तोड़ दिया। मौत से पहले महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। घटना के बाद से अस्पताल का स्टाफ फरार है। प्रसूता की मौत के बाद उसके परिजन उग्र हैं। अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस
घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने महिला के परिजन से बातचीत कर समझाने की कोशिश की। सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने टीम गठित कर निबंधन समेत सभी मामले की जांच के निर्देश दिये हैं।
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने मृतका के स्वजन से मुलाकात कर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। मृतका के भाई विनय कुमार और चचेरे ससुर शशिधर कुमार गिरि ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर समर्पण मैटरनिटी अस्पताल में एडमिट कराया था।
आशा कार्यकर्ता की भूमिका भी आई सामने
पासवान टोला की एक महिला पूनम देवी अस्पताल लेकर आई थी। वो खुद को आशा कार्यकर्ता बता रही थी। सोमवार तीन बजे प्रसूता को प्रसव कक्ष में ले जाया गया। रात में प्रसव कक्ष से निकल रहे स्टाफ से पूछा तो उसने बताया कि ऑपरेशन के दौरान नस कट गई है।
इसके बाद परिवार के कुछ लोग अंदर गए तो महिला मृत पड़ी थी। मृतका के दोनों नवजात सही सलामत हैं। शशिधर ने बताया कि प्रसूता का ऑपरेशन वीडियो कॉल के जरिए पटना में बैठी अस्पताल संचालिका डॉक्टर सीमा कुमारी ने भाड़े पर नर्स और कंपाउंडर को बुलाकर करवा रही थी।
अस्पताल में सिर्फ आईसीयू का स्टाफ रुका, बाकी सब फरार
आईसीयू में एडमिट नवजात की देखभाल कर रहे स्टाफ को छोड़कर सभी कर्मचारी ताला लगाकर मौके से फरार हो गए। घटना की सूचना खजांची थाने को दी गई है। मौके पर मौजूद आशा कार्यकर्ता पूनम देवी ने बताया कि उन्हें लगा कि महिला का प्रसव सरकारी अस्पताल में नहीं हो पाएगा।