बिहार के मोतिहारी जिले के पहाड़पुर थाना क्षेत्र में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहाँ पुलिस की टीम पर जानलेवा हमला किया गया। पुलिस टीम अपहरण की गई लड़की को बचाने और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पहुंची थी। इस दौरान आरोपी के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर पुलिसकर्मियों पर लाठी, डंडों और रॉड से हमला कर दिया। इस हमले में दारोगा सोनू कुमार और दो होमगार्ड जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह घटना मोतिहारी के पहाड़पुर क्षेत्र की पूर्वी सरेया पंचायत के वार्ड तीन के बृति लिपनी गांव की है। जानकारी के अनुसार, थाना क्षेत्र के एक गांव से शनिवार को एक साथ दो सगी बहनों के अपहरण की खबर पुलिस को मिली थी। मामले में पीड़िता की मां ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एक लड़की को बेतिया से बरामद कर बुधवार को थाने में लाया। उस लड़की की निशानदेही पर दूसरी अपहृता की बरामदगी के लिए पुलिस लिपनी गांव गई थी।
पुलिस टीम जब गांव में पहुंची, तो वहां के निवासी शंभू भगत के बेटे पर दोनों बहनों के अपहरण का आरोप लगा। पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने और दूसरी अपहृता को बरामद करने का प्रयास कर रही थी, तभी आरोपी के परिजनों और गांव के कुछ अन्य ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया। हमलावरों ने दारोगा सोनू कुमार को पुलिस जीप से खींचकर बाहर निकाला और उन पर लाठी-डंडों से प्रहार शुरू कर दिया।
दारोगा का घायल होना और पिस्टल छीनने की कोशिश
हमले में दारोगा सोनू कुमार के सिर पर गंभीर चोटें आईं। उनके सिर से खून बहने लगा और स्थिति काफी गंभीर हो गई। घायल दारोगा ने पिस्टल निकालकर हमलावरों को डराने की कोशिश की, परंतु हमलावर पीछे हटने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों ने उनकी पिस्टल भी छीनने की कोशिश की, परन्तु साथी जवानों ने मोर्चा संभालते हुए दारोगा को बचाया। होमगार्ड जवान मुन्ना कुमार पासवान और एक अन्य सिपाही ने स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुलिस की कार्रवाई और एसआईटी का गठन
मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात ने जानकारी दी कि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। सात अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए अरेराज के एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि आरोपी गिरफ्तार नहीं होते हैं या सरेंडर नहीं करते, तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
एसपी ने पहाड़पुर के थानेदार जितेंद्र कुमार को भी शो-कॉज नोटिस जारी किया है, जिससे स्पष्ट होता है कि इस घटना को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है। साथ ही अपहृत लड़की को सुरक्षित रिहा कराने और अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में पुलिसकर्मियों पर इस तरह का हमला हुआ हो। इस घटना ने एक बार फिर से राज्य में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के दौरान अपनी जान जोखिम में डालते हैं, परन्तु इस प्रकार के हमलों के कारण उनकी सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठते हैं।