नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के राजगीर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बड़ाकर और धरमपुरा गांव में गुरुवार, 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर एक स्कूल में हुई छेड़खानी की घटना ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया। इस घटना के बाद दो पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ, जिसमें एक गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, शिक्षक दिवस के अवसर पर उर्दू +2 माध्यमिक विद्यालय, बड़ाकर में कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें स्कूल के छात्रों और शिक्षकों ने केक काटकर इस विशेष दिन को मनाया। कार्यक्रम शांति से समाप्त हो गया था, लेकिन इसके बाद कुछ युवक स्कूल परिसर में दाखिल हो गए।
इन युवकों में से एक ने कक्षा 9वीं की एक छात्रा के साथ छेड़खानी की। छात्रा ने इसका विरोध करते हुए अपने टोला सेवक, राजेश कुमार, को घटना की जानकारी दी। राजेश कुमार ने युवकों को फटकार लगाई, जिसके जवाब में युवकों ने राजेश कुमार के साथ मारपीट की। इस घटना के तुरंत बाद स्कूल के स्तर पर मामले को शांत कराया गया, लेकिन जब छात्रा ने यह घटना अपने परिवार वालों को बताई, तो मामला गंभीर हो गया।
दोनों पक्षों में बढ़ा विवाद और पथराव
छात्रा के परिजनों को घटना की जानकारी मिलते ही वे आक्रोशित हो गए और विरोध करने लगे। इसी बीच दूसरे पक्ष के लोग भी आक्रोश में आ गए। स्थिति तनावपूर्ण हो गई और देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव होने लगा। इस पथराव के दौरान एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ। राजगीर के एसडीएम, डीएसपी प्रदीप कुमार समेत आधा दर्जन थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मौके से दो मनचलों को हिरासत में लिया और उन्हें थाने ले जाया गया।
पुलिस की तैनाती और छानबीन जारी
घटना के बाद बड़ाकर और धरमपुरा गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस गांव में कैंप कर रही है और इलाके की निगरानी कर रही है। राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार ने फोन पर बताया कि जिन मनचलों को हिरासत में लिया गया है, उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, पुलिस अन्य संदिग्धों की भी पहचान कर रही है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
टोला सेवक की प्रतिक्रिया
टोला सेवक राजेश कुमार, जिन्होंने छात्रा के साथ हुई छेड़खानी की घटना के बारे में सबसे पहले जानकारी दी थी, ने बताया, “जब छात्रा ने मुझसे शिकायत की, तो मैं तुरंत उन युवकों को समझाने के लिए गया, लेकिन उन्होंने मुझ पर हमला कर दिया। स्कूल के एक छात्र के साथ दो युवक बाहरी क्लास रूम में मौजूद थे। मैंने तुरंत स्कूल के अन्य शिक्षकों को सूचना दी और फिर मामले को शांत किया।”
सुरक्षा व्यवस्था और आगे की कार्रवाई
इस घटना के बाद से गांव में पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है। पुलिस अधिकारी गांव में बने तनाव को देखते हुए विशेष चौकसी बरत रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही बाकी मनचलों को भी पकड़ने की योजना बना रहे हैं।
समुदाय में बढ़ता तनाव
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है। गांव के लोग पुलिस की कार्रवाई और मनचलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे असामाजिक तत्वों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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नालंदा के इस मामले ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे असामाजिक तत्वों के कारण समाज में अशांति फैल रही है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और मनचलों की गिरफ्तारी ने स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया है, लेकिन इस घटना ने समाज के सामने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है – क्या हमारे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित है? इस सवाल का जवाब हमें मिलकर ढूंढना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।