Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस नेताओं के हालिया बयानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर नए कयासों को जन्म दिया है। लालू यादव द्वारा दिए गए बयान के बाद कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने भी नीतीश को महागठबंधन में लौटने का खुला न्योता दिया है।
कांग्रेस ने दिया न्योता
कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गोडसेवादी विचारधारा को छोड़कर गांधीवादी विचारधारा के साथ आते हैं, तो कांग्रेस उनका स्वागत करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर नीतीश ‘INDIA’ गठबंधन में लौटते हैं, तो कांग्रेस उनका समर्थन करेगी। खान का यह बयान उस समय आया है जब बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री के पलटी मारने की चर्चा जोरों पर है।
लालू यादव का बयान
नए साल के मौके पर एक निजी चैनल से बातचीत में लालू यादव ने कहा कि अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में लौटते हैं, तो उनके लिए दरवाजा हमेशा खुला रहेगा। उन्होंने कहा, “नीतीश भाई हैं। उनके लिए कोई दिक्कत नहीं। अगर वह वापस आते हैं तो हम उन्हें स्वीकार करेंगे।” लालू का यह बयान उनके पुराने सहयोगी के प्रति नरमी को दर्शाता है। हालांकि, राजद नेता तेजस्वी यादव का रुख इस मामले में काफी स्पष्ट और सख्त रहा है।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
जब तेजस्वी यादव से पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार को दोबारा महागठबंधन में शामिल किया जाएगा, तो उन्होंने कहा, “आप लोग बार-बार यह सवाल पूछते हैं, इसलिए लालू जी ने ऐसा जवाब दिया। लेकिन मैं पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि नीतीश कुमार के लिए हमारे दरवाजे बंद हैं।” तेजस्वी का यह बयान यह संकेत देता है कि पार्टी में सभी नेता इस मुद्दे पर एकमत नहीं हैं।
जदयू का रुख
इन अटकलों के बीच, जदयू नेता और मंत्री ललन सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी एनडीए में है और वहीं रहेगी। उन्होंने कहा, “लालू जी क्या कहते हैं और क्या नहीं, यह वही जानें। लेकिन जदयू की स्थिति स्पष्ट है।” ललन सिंह का यह बयान जदयू के मौजूदा रुख को मजबूती से दर्शाता है।
नीतीश कुमार का भविष्य
हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन चर्चाओं पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनकी चुप्पी ने अटकलों को और हवा दी है। बिहार की राजनीति में उनकी हर चाल पर न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी नजरें टिकी हुई हैं।
निष्कर्ष
नीतीश कुमार के महागठबंधन में लौटने की संभावना पर सियासी गलियारों में चर्चा गरम है। कांग्रेस और राजद के विपरीत सुर इस बात की ओर इशारा करते हैं कि गठबंधन के भीतर भी मतभेद मौजूद हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार इस नए सियासी समीकरण का हिस्सा बनते हैं या एनडीए में रहकर अपनी राजनीतिक राह जारी रखते हैं। बिहार की राजनीति के इस उथल-पुथल भरे दौर में मुख्यमंत्री की अगली चाल सभी के लिए अहम साबित होगी।