पटना: आरजेडी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने गुरुवार, 22 अगस्त को एक बार फिर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके इस कदम पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, चुनाव आने वाला है और हर कोई अपनी राजनीति को देखता है। उन्होंने श्याम रजक के जाने को सामान्य घटना बताते हुए कहा, “जहां गए हैं, वहां अच्छे से रहें। इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।”
तेजस्वी यादव से जब यह पूछा गया कि क्या श्याम रजक के इस कदम के पीछे चुनावी गणित हो सकता है, तो उन्होंने जवाब दिया, “कोई बात नहीं है। चुनाव है, लोग आते-जाते रहते हैं। हम लोग जो कर चुके हैं, वह जेडीयू कहां कर रही है।”
श्याम रजक की राजनीतिक यात्रा
श्याम रजक की राजनीतिक यात्रा की बात करें तो 1995 में उन्होंने पहली बार आरजेडी से टिकट पाकर चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद वे लंबे समय तक आरजेडी से जुड़े रहे। 2009 में उन्होंने आरजेडी छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया, जहां उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया। हालांकि, बाद में उन्होंने जेडीयू भी छोड़ दी और 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी में वापसी की। इस बार उन्हें आरजेडी में राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया गया, लेकिन पार्टी में उम्मीदें पूरी होती न देख, उन्होंने एक बार फिर आरजेडी को अलविदा कह दिया।
श्याम रजक के आरजेडी छोड़ने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि वे एक बार फिर जेडीयू में शामिल हो सकते हैं, जैसा कि उन्होंने 2009 में किया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में उनका यह फैसला कितना प्रभाव डालता है।