नवादा जिले से एक हैरान करने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जहां एक अपराधी महिलाओं को गर्भवती बनाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठग रहा था। इस अनोखे तरीके से ठगी करने वाले युवक को पुलिस ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी ने खुद को “प्ले ब्वाय जॉब” और “बेबी बर्थ सर्विस” जैसी फर्जी सेवाओं के माध्यम से महिलाओं को धोखा देने का काम किया था। यह मामला कादिरगंज थाना क्षेत्र के पचम्बा मोड़ स्थित कचरा भवन के पास का है, जहां गुरुवार की रात पुलिस ने छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान 22 वर्षीय सोनू कुमार के रूप में हुई है, जो मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गुरमा गांव के अर्जुन प्रसाद का बेटा है। पुलिस ने उसकी तलाशी के दौरान दो मोबाइल फोन और चार फर्जी सिम कार्ड बरामद किए, जिनमें साइबर ठगी से जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले। इसके अलावा, उसके मोबाइल से अश्लील फोटो और वीडियो भी बरामद हुए हैं। इस ऑपरेशन का नेतृत्व नवादा के एसपी अभिनव धीमान ने किया था, जबकि छापेमारी टीम का नेतृत्व कादिरगंज थाने के एसएचओ श्रवण कुमार राम ने किया। इस अभियान में कादिरगंज थाने के अन्य पुलिस अधिकारी और डीआईयू की टीम भी शामिल थी।
साइबर ठगी का नया तरीका
पुलिस को सूचना मिली थी कि एक साइबर अपराधी महिला उपभोक्ताओं को झांसा देकर ठगी कर रहा है। आरोपी और उसके साथी “ऑल इंडिया जॉब सॉल्यूशन”, “प्ले ब्वाय जॉब”, “प्रेग्नेंसी वुमन हेल्थ” जैसी फर्जी सेवाओं का प्रचार करते थे। वे महिलाओं को यह झांसा देते थे कि वे निसंतान महिलाओं को गर्भवती बना सकते हैं, और इसके बदले पांच लाख रुपये तक की रकम वसूलते थे। इस जाल में फंसे उपभोक्ताओं से रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में 500 से 1000 रुपये लिए जाते थे, और फिर सेक्युरिटी फीस के नाम पर 5000 से 15000 रुपये तक की ठगी की जाती थी।
एक बार जाल में फंसे उपभोक्ताओं से ठगी की रकम लाखों रुपये तक पहुँच जाती थी। इस राशि को यूपीआई के माध्यम से विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी के मोबाइल से कई व्हाट्सएप चैट, जॉब ऑफर संबंधित एग्रीमेंट लेटर, वीडियो और झूठी सूचनाओं के दस्तावेज़ मिले हैं। इसके अलावा, कई उपभोक्ताओं के ठगी की रकम के ट्रांजेक्शन्स का भी पता चला है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसके सभी साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है। अब पुलिस ठगी के शिकार हुए लोगों की पहचान करने में जुटी है। आरोपी के मोबाइल से जब्त की गई सभी चार सिम कार्ड फर्जी पाई गईं, जिनके माध्यम से ठगी के पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। पुलिस ने इस मामले में कादिरगंज थाने में गुरुवार की रात प्राथमिकी दर्ज की और शुक्रवार को आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आरोपी ने पूछताछ के दौरान यह स्वीकार किया कि उसके और उसके अन्य साथियों द्वारा महिलाओं को गर्भवती बनाने का झूठा प्रलोभन देकर विभिन्न राज्यों से लाखों रुपये ठगे गए थे। हालांकि, इस ठगी के नेटवर्क में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस अब इस मामले की गहरी जांच कर रही है और जल्द ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की उम्मीद है।
इस घटना से यह साफ हो गया है कि साइबर ठग अब नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने के प्रयास में हैं, और पुलिस इन्हें पकड़ने के लिए लगातार प्रयासरत है।