बांका में मंदार महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम में हंगामा, अफसर के मंच पर ठुमकों से मचा बवाल

DESK: बिहार के बांका जिले में आयोजित मंदार महोत्सव का अंतिम दिन गुरुवार की शाम अप्रत्याशित हंगामे का गवाह बना। बॉलीवुड सिंगर विनोद राठौड़ के कार्यक्रम के दौरान दर्शकों की उत्तेजना और कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की गतिविधियों ने माहौल को असामान्य बना दिया।

अफसर के ठुमकों ने खींचा ध्यान

कार्यक्रम के दौरान जब जिलाधिकारी और एसपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम स्थल से निकल चुके थे, तभी एक अधिकारी मंच पर चढ़ गए। यह अधिकारी मंच पर विनोद राठौड़ और एक महिला गायिका के साथ नृत्य करने लगे। मंच पर अधिकारी के ठुमकों ने दर्शकों का ध्यान खींचा और उनकी उत्सुकता चरम पर पहुंच गई।

दर्शकों का बेकाबू उत्साह

मंच पर अधिकारी के नृत्य से दर्शक उत्तेजित हो गए और हंगामा शुरू हो गया। दर्शकों ने नाचने और चिल्लाने के साथ-साथ दर्शक दीर्घा में जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान करीब 100 कुर्सियां तोड़ दी गईं। दर्शकों के बीच बढ़ते हंगामे ने कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी।

पुलिस ने संभाली स्थिति

घटना के दौरान पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया। बौंसी की एसडीपीओ अर्चना कुमारी और बांका एसडीपीओ विपिन बिहारी सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे दर्शकों को नियंत्रित किया। पुलिस की सतर्कता से स्थिति को काबू में लाया गया और किसी बड़ी अनहोनी को टाला गया।

प्रशासन ने नहीं दी कोई विशेष जानकारी

घटना के बाद प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई है। नुकसान की भरपाई कैसे की जाएगी और तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार लोगों पर क्या कार्रवाई होगी, इस पर भी कोई बयान नहीं आया है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि घटना में कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ।

स्थानीय दर्शकों की भारी मौजूदगी

महोत्सव के इस कार्यक्रम को देखने के लिए बांका और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। लेकिन दर्शकों के उत्साह ने महोत्सव के अंतिम दिन की यादों को एक विवादास्पद मोड़ दे दिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना

हंगामे के बावजूद पुलिस अधिकारियों ने तुरंत कदम उठाकर स्थिति को नियंत्रित किया। अधिकारियों का कहना है कि दर्शकों की उत्तेजना कुछ समय के लिए थी, जिसे सफलतापूर्वक संभाल लिया गया।

इस घटना ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अनुशासन और प्रशासनिक जिम्मेदारी की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित किया है।

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