पटना: नौकरी के बदले जमीन केस में तेजस्वी यादव का नाम चार्जशीट में शमिल किया जा सकता है. तेजस्वी यादव ने खुद इसको लेकर आशंका जाहिर की है.उन्होंने कहा कि नौकरी के बदले जमीन केस में सीबीआई और ईडी फंसाने के लिए एक नया चार्जशीट बनाकर उनका नाम शामिल कर सकती है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक उनका नाम नहीं है. लेकिन बीजेपी के लोग जिसतरह डरे हुए हैं उसके बाद उनका नाम भी आरोप पत्र में शामिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक उनका नाम आरोपपत्र में शामिल नहीं है.
लेकिन बीजेपी के लोग जिस तरह डरे हुए हैं उसके बाद कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी जब उनका नाम भी इस मामले में शामिल कर दिया जाए. तेजस्वी के यादव के इस बयान के बाद कहा जा रहा है कि उन्हें गिरफ्तारी का डर सताने लगा है.
बीजेपी हार से बौखला गई है-तेजस्वी
हालाकि तेजस्वी यादव ने ये भी कहा है कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि चार्जशीट में किसका नाम जोड़ा जाता है. क्योंकि जो सच है उसे कोई झुठला नहीं सकता है. सांच को कोई आंच नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर ED-CBI ने कितनी बार छापेमारी की कितनी बार समन किया यह अब जांच एजेंसियों को भी अब शायद याद नहीं होगा. तेजस्वी ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार से बीजेपी बौखला गई है. अब उन्हें बिहार के लिए डर सताने लगा है. इसके बाद बीजेपी रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के झूठे मामले में लालू यादव और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ छापेमारी कर रही है. तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में हारने का डर सता रहा है यही वजह है कि जांच एजेंसियां लगातार छापेमारी कर रही है.
लालू परिवार समेत 14 लोग हैं आरोपी
दरअसल गुरुवार को ED ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पूछताछ के लिए दफ्तर तलब किया था. इसके बाद वह 10.45 बजे ईडी के ऑफिस पहुंची थी. जहां उनसे करीब 6 घंटे तक पूछताछ हुई. राबड़ी देवी आरजेडी प्रमुख के साथ मंगलवार को दिल्ली पहुंची हैं. लैंड फॉर जॉब केस में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, लालू यादव के करीबी भोला यादव समेत 14 लोगों के नाम दर्ज हैं.इस मामले में तेजस्वी यादव से भी पूछताछ हो रही है जिसके बाद उन्हें चार्जशीट में नाम शामिल होने का डर सता रहा है.