DESK: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है। मोतिहारी में प्रेस वार्ता के दौरान जब उनसे चुनाव लड़ने के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी तय करेगी, तो वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि राघोपुर सीट से किसी कार्यकर्ता ने उनके नाम से आवेदन किया है। यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू यादव के परिवार का गढ़ मानी जाती है, और वर्तमान में यहां से विधायक तेजस्वी यादव हैं।
मोतिहारी में प्रशांत किशोर का भव्य स्वागत
प्रशांत किशोर जब अपनी जन सुराज उद्घोष यात्रा के तहत मोतिहारी पहुंचे, तो वहां कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। बंजरिया से लेकर कल्याणपुर तक लोगों ने फूल-मालाओं से उनका अभिनंदन किया और उनका समर्थन व्यक्त किया। प्रशांत किशोर की इस यात्रा को बिहार की राजनीति में एक नए समीकरण की ओर बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है।
शराबबंदी पर प्रशांत किशोर का बड़ा बयान
प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने शराबबंदी नीति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की और पीएम मोदी को भी चुनौती देते हुए कहा कि अगर बिहार में शराबबंदी इतनी प्रभावी है, तो इसे पूरे देश में लागू क्यों नहीं किया जाता? उन्होंने खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में शराबबंदी लागू कर मोदी सरकार इसे सफल बनाकर दिखाए।
शराबबंदी से बिहार को आर्थिक नुकसान
प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर सिर्फ दुकानें बंद की गई हैं, लेकिन शराब की होम डिलीवरी जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस नीति से सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, जबकि इसका फायदा नेताओं, अधिकारियों और माफियाओं को मिल रहा है। पीके के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है और इस मुद्दे पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है।
प्रशांत किशोर के इन बयानों से यह साफ हो गया है कि वे बिहार की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे विधानसभा चुनाव में उतरते हैं या नहीं और अगर उतरते हैं, तो क्या वे तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर से ताल ठोकेंगे।