बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में 1825 रिक्त पदों पर जल्द भर्ती होने जा रही है। इस संदर्भ में विभागीय मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विभाग में रिक्त पदों पर त्वरित नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि आमजनों से संबंधित योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। मंत्री ने यह बातें अरण्य भवन स्थित अपने कार्यालय में विभागीय रिक्तियों की समीक्षा बैठक के दौरान कहीं।
विभाग में स्वीकृत और रिक्त पदों की स्थिति
विभाग में कुल 3644 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1843 पदों पर अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, वनपाल, वनरक्षी, निम्नवर्गीय लिपिक, उच्चवर्गीय लिपिक, प्रधान लिपिक, सहायक प्रशासी पदाधिकारी, आशुलिपिक, अमीन, प्रारूपक, और चालक जैसे पदों पर बहाली होनी है। सबसे अधिक रिक्तियां वनरक्षी के 1113 पदों पर हैं।
महत्वपूर्ण रिक्त पदों की सूची
विभाग में विभिन्न महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं, जैसे:
- वनों के क्षेत्र पदाधिकारी: 51 पद
- वनपाल: 346 पद
- वनरक्षी: 1113 पद
- निम्नवर्गीय लिपिक: 67 पद
- उच्चवर्गीय लिपिक: 46 पद
- प्रधान लिपिक: 25 पद
- सहायक प्रशासी पदाधिकारी: 3 पद
- आशुलिपिक: 37 पद
- अमीन: 18 पद
- प्रारूपक: 16 पद
- चालक: 82 पद
रोस्टर क्लीयरेंस और चालकों की भर्ती
मंत्री को जानकारी दी गई कि वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, वनपाल, वनरक्षी, निम्नवर्गीय लिपिक, आशुलिपिक और अमीन के पदों पर नियुक्ति के लिए रोस्टर क्लीयरेंस की कार्रवाई चल रही है। वहीं, वाहन चालक के पदों पर भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। अब तक वाहन चालक के 57 सफल अभ्यर्थियों की अनुशंसा प्राप्त हुई है, और उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। हालांकि, उच्च न्यायालय, पटना ने चालकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगाई है, जिसकी अगली सुनवाई 24 अक्टूबर 2024 को होनी है।
संविदा आधारित नियुक्ति की योजना
रिक्त पदों की जल्द पूर्ति के लिए विभागीय मंत्री ने निर्देश दिया है कि आवश्यकता अनुसार संविदा आधारित पदों का सृजन किया जाए। विभाग में मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए बाहरी स्रोतों से भी मानव बल की व्यवस्था की जाएगी। इससे वन एवं पर्यावरण संबंधी योजनाओं के धरातल पर उतरने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकेगी।
इस पहल से बिहार में वन और पर्यावरण विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ावा मिलेगा और आम जनता को विभागीय सेवाओं का अधिक लाभ मिल सकेगा।