Krishna Janmashtami 2024: 26 अगस्त 2024 को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रतीक है, और हिंदू धर्म में इसे विशेष महत्व दिया जाता है। मथुरा और वृंदावन में इस पर्व की भव्यता देखते ही बनती है, जहाँ हजारों भक्त भगवान कृष्ण की झांकी और पूजा में भाग लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक भगवान कृष्ण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विशेष रूप से, नि:संतान दंपतियों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि इस दिन की पूजा से संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग चढ़ाने का विशेष महत्व है, लेकिन इनमें से कुछ खास चीजें ऐसी हैं जिनका भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इन प्रमुख भोग सामग्रियों के बारे में:
1. पंजीरी
जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को पंजीरी का भोग अवश्य लगाएं। पंजीरी गेहूं के आटे, चीनी और घी से बनाई जाती है, जिसमें बादाम, काजू, इलायची पाउडर, किशमिश, नारियल और मखाना मिलाया जाता है। पंजीरी के बिना जन्माष्टमी की पूजा अधूरी मानी जाती है।
2. माखन-मिश्री
माखन-मिश्री भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय भोग है। पुराणों के अनुसार, माता यशोदा श्रीकृष्ण को माखन में मिसरी मिलाकर खिलाती थीं। इसलिए इस दिन माखन-मिश्री का भोग लगाना अत्यंत आवश्यक है।
3. पंचामृत
पंचामृत का भी कृष्ण जी की पूजा में विशेष महत्व है। यह दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद से तैयार किया जाता है। पंचामृत और अन्य भोग सामग्री में तुलसी का पत्ता जरूर रखना चाहिए, क्योंकि तुलसी के बिना बाल गोपाल का भोग अधूरा माना जाता है।
4. खीर
श्रीकृष्ण को चावल से बनी खीर अत्यंत प्रिय है। मान्यताओं के अनुसार, माता यशोदा उन्हें खीर खिलाती थीं। इसलिए जन्माष्टमी के दिन खीर का भोग अवश्य लगाएं।
5. दही, खीरा और केला
भगवान कृष्ण को दही, खीरा और केला का भोग भी लगाना चाहिए। यह सभी सामग्रियाँ भगवान को प्रिय हैं और इन्हें अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
श्री कृष्ण मंत्रों का जाप करें
इस दिन पूजा के साथ-साथ श्री कृष्ण के निम्न मंत्रों का जाप करने से भी लाभ होता है:
- हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे
- ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
- ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। पाठकों को अपनी आस्था और विवेक के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।)