दिल्ली विधानसभा में प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में अब मुख्यमंत्री को लेकर मंथन चल रहा है. 27 साल का वनवास खत्म करने वाली बीजेपी किसके सिर पर सेहरा बांधेगी, इसको लेकर राजनीतिक गलियारे में कई नाम चल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी किसी महिला विधायक को भी राष्ट्रीय राजधानी का अगला सीएम बना सकती है.
इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसके बाद उसने दिल्ली में 27 साल का सूखा भी खत्म किया. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के खाते में सिर्फ 22 सीटें ही आईं. वहीं, कांग्रेस एक बार फिर खाता खोलने में असफल रही.
बीजेपी अगर किसी महिला विधायक को सीएम बनाती है तो इस रेस में 4 नाम हो सकते हैं. कौन हैं वो आइए जानते हैं…
रेखा गुप्ता- बीजेपी ने इन्हें शालीमाग बाग से टिकट दिया था. रेखा गुप्ता पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए जीत हासिल की. उन्होंने आप की बंदना कुमारी को 29 हजार 595 वोटों से हराया.
शिखा रॉय- बीजेपी की इस महिला ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया. ग्रेटर कैलाश से चुनाव लड़ने वाली शिखा रॉय ने आप के दिग्गज नेता सौरभ भारद्वाज को हराया. शिखा रॉय को 49 हजार 594 वोट मिले. उन्होंने आप उम्मीदवार को 3 हजार 188 वोटों से शिकस्त दी.
पूनम शर्मा- पूनम शर्मा ने वजीरपुर सीट से जीत दर्ज की. उन्होंने आप के राजेश गुप्ता को हराया. पूनम शर्मा को 54 हजार 721 वोट मिले. बीजेपी नेता ने आप के राजेश गुप्ता को 11 हजार 425 वोटों से मात दी.
नीलम पहलवान– बीजेपी ने इन्हें नजफगढ़ से टिकट दिया था. नीलम के सामने आप के तरुण कुमार थे. नीलम पहलवान को इस सीट पर 1 लाख 1 हजार 708 वोट मिले. वहीं तरुण कुमार के खाते में 29 हजार 9 वोट आए.
दिल्ली में अब तक 3 महिला सीएम रह चुकी हैं. इसमें सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी का नाम शामिल है. बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज 1998 में इस पद पर रहीं. वहीं कांग्रेस की शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक दिल्ली की सीएम रहीं. आप की आतिशी 21 सितंबर, 2024 से 9 फरवरी, 2025 तक सीएम की कुर्सी पर बैठीं.
बीजेपी नेताओं का क्या कहना है?
बीजेपी नेताओं के एक वर्ग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच कहा कि इस शीर्ष पद के लिए चयन पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों में से किया जाना चाहिए. उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा, नए मुख्यमंत्री का चयन पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों में से किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों में कई सक्षम नेता हैं, जिनमें प्रदेश बीजेपी के दो पूर्व अध्यक्ष, पार्टी के एक राष्ट्रीय सचिव और कई पूर्व प्रदेश पदाधिकारी शामिल हैं, जिन्हें लंबा राजनीतिक अनुभव है. बीजेपी की दिल्ली इकाई के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने भी (पार्टी के) नवनिर्वाचित विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाने की वकालत करते हुए कहा कि इससे पार्टी को मिले जनादेश का सम्मान होगा.
कब होगा शपथग्रहण?
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में नई सरकार का शपथग्रहण समारोह 14 फरवरी के बाद होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर हैं. 10 फरवरी को उनके फ्रांस और यूएस दौरे की शुरुआत हुई. उनके वापस लौटने के बाद ही नई सरकार का शपथग्रहण होगा. बीजेपी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू होगी.