पटनाः राज्य के अलग-अलग जिलों में कई शिक्षकों को नौकरी से हटाया गया है साथ ही उनके खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया है. इसके अलावा उनकी ओर से अब तक लिए गए वेतन को शिक्षा विभाग (Education Department) को वापस करने के लिए कहा गया है. ऐसे में बिहार के एक लाख सरकारी शिक्षकों की नौकरी पूरी तरह संकट में है. इस पूरे मामले में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) की ओर से चेतावनी भी जारी की गई है.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के आदेश पर नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी फोल्डर नियोजन इकाइयों के पास उपलब्ध नहीं है, इसके चलते जांच की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. शिक्षक अगर संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं कराते हैं तो इस मामले को उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाकर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एक नजर में जानें महत्वपूर्ण बातें
- पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है.
- एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी फोल्डर नियोजन इकाइयों के पास उपलब्ध नहीं.
- सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं कराने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
- सुधार के लिए रोडमैप तैयार
वहीं, दूसरी ओर शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया. गुरुवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी और अतिरिक्त वर्ग कक्षों के निर्माण के बारे में विस्तृत विमर्श किया. बताया गया कि मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए योग्य अध्यापकों की भर्ती के निर्देश दिए हैं. शिक्षा में सुधार के लिए रोडमैप भी तैयार हो रहा है.