DESK: बिहार में तमाम विधायकों और विधान पार्षदों को लगभग दो साल बाद बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार जल्द ही उन्हें खुशखबरी देने की तैयारी में है। इसका फायदा विधायकों और विधान पार्षदों से अधिक उनके समर्थकों और आम लोगों को होगा।
सब कुछ ठीक रहा तो विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में अपने क्षेत्र के लिए विकास योजनाओं की सिफारिश कर सकेंगे। कोरोना के कारण वित्तीय वर्ष 2021-22 में विधायक मद की राशि स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई थी। एक विधायक को साल में तीन करोड़ रुपये तक की योजना की अनुशंसा का अधिकार है। यह राशि सीधे स्वास्थ्य विभाग को मिल रही थी।
राज्य सरकार के योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि विभाग की तैयारी पूरी हो गई है। वित्तीय वर्ष शुरु होते ही विधायकों की अनुशंसा पर काम होने लगेगा। योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने सोमवार को बताया कि विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्य एक अप्रैल से मुख्यमंत्री स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत तीन-तीन करोड़ रुपये की योजनाओं की अनुशंसा कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी इस मद में राशि का आवंटन किया गया था। कोरोना संकट को देखते हुए उसे इलाज एवं बचाव मद में खर्च किया गया। उस राशि से स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्थायी संरचनाओं का भी निर्माण किया गया।
विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों की कुल संख्या 318 है। तीन करोड़ के हिसाब से उनकी अनुशंसा पर हर साल नौ सौ 54 करोड़ रुपये की विकास योजनाएं कार्यान्वित होती हैं। विधायक और विधान पार्षद आम तौर पर इस राशि का इस्तेमाल अपने मतदाताओं से जुडी जन सुविधाओं के विकास पर करते हैं।