पटना. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा से सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोमवार को हुई गर्मा-गर्म बहस से तमाम दलों के विधायकों से लेकर मंत्री तक हैरान हैं. इसको लेकर बिहार की सियासत में अचानक से कई तरह की बातें उठने लगी हैं. यह भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि नीतीश कुमार की इतनी नाराज़गी कहीं एनडीए सरकार के लिए घातक न साबित हो जाए. सदन में सीएम नीतीश कुमार के इतने सख्त तेवर, आज के पहले कभी नहीं दिखा था. यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता अजय आलोक ने एक ऐसा ट्वीट कर दिया जिससे माहौल और भी गर्म हो गया.
जाहिर है जेडीयू के प्रवक्ता ने सहयोगी बीजेपी पर बेहद तल्ख़ शब्दों का प्रयोग किया है. इस मामले की आग ठंढी भी नहीं हुई थी कि अचानक मुख्यंमत्री नीतीश कुमार ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर समीक्षा बैठक बुला ली. अधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद उन्हें कानून-व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने का निर्देश देते हुए सीएम नीतीश कुमार राजभवन जाने के लिए निकल पड़े.
नीतीश कुमार का यूं अचानक राजभवन पहुंचने से बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गयी. कई तरह के कयास लगाए जाने लगे. बदले सियासी माहौल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कई तरह के सवाल घूमने लगे. मंत्रियों से लेकर विधायकों तक ने मीडिया को फोन कर यह जानने का प्रयास किया कि आख़िर मामला क्या है. मुख्यमंत्री के राज्यपाल से मिलने को लेकर काफी देर तक तक कयास जाते रहे.
मगर इस बीच सीएम नीतीश कुमार राजभवन से निकल गए. अंदर क्या बात हुई, यह हर कोई जानना चाहता था. लेकिन मुलाकात को लेकर जो बात सामने आई उससे एनडीए के नेताओं ने राहत की सांस ली. जब उन्हें पता चला कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल फागू चौहान के एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजभवन गए थे.
लेकिन मुख्यमंत्री की कुछ देर की राज्यपाल से हुई इस मुलाकात से बिहार के सियासी हलकों में अचानक सरगर्मी बढ़ गई थी. वो भी तब जब सोमवार को विधानसभा में स्पीकर विजय सिन्हा से सीएम नीतीश कुमार की सियासी भिड़ंत हो गई थी, जिसकी खूब चर्चा हो रही है.