नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम अब एक बार फिर सुनारिया जेल से बाहर आ चुका है। उनको इस बार 21 दिनों की फरलो मिली है। इस फरलो अवधि के दौरान राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में अपने बरनावा आश्रम में रहेगा। आज मंगलवार को सुबह लगभग 6:30 बजे राम रहीम पुलिस सुरक्षा में हरियाणा की सुनारिया जेल से रिहा किया गया है।
15 अगस्त को जन्मदिन
जानकारी दें कि फरलो पर बाहर आने के लिए राम रहीम नें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। रोहतक की सुनारिया जेल से अब 7वीं बार 21 दिन की फरलो पर डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के बाहर आते ही अनुयायियों में खुशी की लहर है। गुरमीत सिंह का 15 अगस्त को जन्मदिन भी है। वह सोशल मीडिया के माध्यम से अपने अनुयायियों के साथ इस बार जन्मदिन मना सकता है। बाबा राम रहीम सुनारिया जेल से सीधे बरनावा आश्रम पहुंचा हैं, जहां कई दिन से सफाई का काम चल रहा था।
चुनाव की आहट से पहले फरलो
देखा जाए तो राम रहीम को पेरोल और फरलो देने पर अक्सर विवाद होता रहता है और हरियाणा सरकार पर अक्सर आरोप लगते रहते हैं कि सियासी लाभ लेने के लिए ही सरकार राम रहीम को इतने पेरोल देती है। हाईकोर्ट तक राम-रहीम की फरलो का मामला गया था। लेकिन कोर्ट ने तब हरियाणा सरकार को पेरोल-फरलो देने का अधिकार दे दिया था और अब राम-रहीम जेल से बाहर आ गया है।
इसके पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बीते शुक्रवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की उस याचिका का निपटारा कर दिया जिसमें जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अस्थायी रूप से रिहा किए जाने को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा था कि अस्थायी रिहाई की याचिका पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बिना किसी “मनमानी या पक्षपात” के विचार किया जाना चाहिए।
यह आदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की पीठ द्वारा सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखने के एक दिन बाद आया था। इसके पहले शीर्ष गुरुद्वारा संस्था SGPC ने सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की अस्थायी रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की थी।
इस बाबत SGPC ने तर्क दिया था कि डेरा प्रमुख हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए कई सजाएं काट रहा है और अगर उसे रिहा किया गया तो इससे भारत की संप्रभुता और अखंडता खतरे में पड़ जाएगी और सार्वजनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
राम रहीम अपनी दो अनुयायियों से बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है और रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी। वहीं अदालत ने बीते शुक्रवार को अपने आदेश में SGPC की इस दलील को खारिज कर दिया था कि डेरा प्रमुख को पैरोल देने पर विचार करते और उसे मंजूरी देते समय हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थाई रिहाई) अधिनियम, 2022 के बजाय हरियाणा सदाचारी बंदी(अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 1988 को लागू किया जाना चाहिए था।
7वीं बार फरलो
बता दें कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को सबसे पहले 30 दिन की फरलो 17 जून 2022 को मिली थी। उस दौरान भी वह बरनावा आश्रम में ही रहा था। फिर 18 जुलाई 2022 को वह सुनारिया जेल चला गया था। उसके बाद बीते 15 अक्टूबर को दूसरी बार, 21 जनवरी 2023 को तीसरी बार, तीन मार्च को चौथी बार, 20 अगस्त को पांचवीं बार और फिर 13 दिसंबर को छठी बार सुनारिया जेल से बाहर आया था।