Ekadashi ke Upay: शास्त्रों में एकादशी तिथि को भगवान विष्णु का प्रिय बताया गया है। इस दिन जो भी पुण्य कार्य किए जाते हैं, उनका अनंत फल मिलता है और व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट होकर सुख, सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग में कुल 24 एकादशियां (12 कृष्ण पक्ष एवं 12 शुक्ल पक्ष की) होती हैं। इन सभी को माह के नाम के आधार पर अलग-अलग नाम दिया जाता है। उदाहरण के लिए बैसाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को बरुथनी एकादशी कहा जाता है।
कब है बरुथनी एकादशी (Ekadashi Tithi and Muhurat)
पंचांग के अनुसार बरुथनी एकादशी इस बार 16 अप्रैल 2023 को आ रही है। इसका आरंभ 15 अप्रैल 2023 (शनिवार) को रात्रि 8.45 बजे तथा समापन अगले दिन 16 अप्रैल 2023 (रविवार) को सायं 6.14 बजे होगा। व्रत का पारण 17 अप्रैल 2023 (सोमवार) को सुबह 5.54 बजे से 8.29 बजे तक किया जा सकेगा।
एकादशी पर करें भगवान विष्णु की पूजा (Bhagwan Vishnu Worship)
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ, धुले हुए वस्त्र पहनें तथा घर के पूजा मंदिर की सफाई करें। सर्वप्रथम गणेशजी की वंदना करें, उसके बाद अन्य देवताओं की पूजा करें। यदि आप व्रत करने में समर्थ है तो एकादशी के व्रत का संकल्प करें, अन्यथा केवल पूजा करना भी पर्याप्त है।
व्रत संकल्प के बाद मां लक्ष्मी सहित भगवान विष्णु की पूजा करें तथा उन्हें पीले पुष्प, फूलमाला, पीले रंग के वस्त्र, पीली मिठाई अथवा फल अर्पित करें। पीले चंदन का तिलक लगाएं, भोग में तुलसी भी साथ रखें। इस प्रकार उनकी पूजा करें। एकादशी के व्रत पर यदि आप दान नहीं करते हैं तो इस व्रत का असर शून्य हो जाता है। इसलिए यथासंभव पशु-पक्षियों या भिखारियों को इस दिन भोजन दान अवश्य करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। TopBihar.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।