पटना. डॉक्टर सच में धरती के भगवान माने जाते हैं और इसे आईजीआईएमएस (IGIMS) के डॉक्टरों ने चरितार्थ भी कर दिखाया है. IGIMS के डॉक्टरों की कोशिश से पेट में मोबाइल निगलने वाले कैदी की जान बचाई जा सकी है. दरअसल गोपालगंज मंडल कारा (Gopalganj Jail) में बंद कैदी कौसर अली ने पुलिस छापेमारी के डर से मोबाइल निगल लिया था, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी और जेल प्रशासन के बीच हड़कंप मच गया था.
आनन-फानन में कैदी को गोपालगंज सदर अस्पताल (Gopalganj Sadar Hospital) में भर्ती किया गया था, जहां मामला गंभीर बताते हुए डॉक्टरों में पीएमसीएच (PMCH) रेफर कर दिया था. कैदी जब पीएमसीएच पहुंचा तो यहां भी डॉक्टरों ने बताया कि मोबाइल निकालना मुश्किल है क्योंकि मोबाइल खाने की थैली में जाकर फंसा है. पीएमसीएच में भी संभव नहीं होता देख कैदी को पुलिस सुरक्षा में आइजीआइएमएस लाया गया.
आईजीआईएमएस में अधीक्षक डॉक्टर मनीष मंडल ने आनन फानन में गैस्ट्रो विभाग के चिकित्सक डॉक्टर आशीष झा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम का गठन कर दिया. डॉक्टर यह मानकर चल रहे थे कि ऑपरेशन के बाद ही शायद यह संभव है लेकिन डॉक्टरों ने पहले इंडोस्कोपी से प्रयास किया और जिसका नतीजा कहिए कि कैदी के पेट में फंसा मोबाइल डॉक्टरों ने मुंह के रास्ते बाहर निकाल दिया. मोबाइल निकलते ही दर्द से कराह रहे कैदी की जान में जान आई और सभी ने चिकित्सकों को धन्यवाद दिया.
डॉक्टर आशीष झा की माने तो मेडिकल सर्विस में आज तक ऐसे केस देखने को नहीं मिले थे और यह बहुत ही कठिन था, क्योंकि मोबाइल खाने की थैली में जाकर फंसा था. लेकिन अच्छी बात ये है कि बिना किसी ऑपरेशन के ही मोबाइल को बाहर निकालने में कामयाबी मिल गई.