केंद्र सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या से माता सीता के जन्मस्थान जनकपुर तक प्रस्तावित 448 किमी लंबी राम जानकी पथ को हरी झंडी दे दी है। इस सड़क का निर्माण एनएचएआई द्वारा किया जाएगा, जो उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के बीच धार्मिक और व्यापारिक गतिविधियों को तेज़ी से बढ़ावा देगा।
राम जानकी पथ की कुल लंबाई 448 किमी होगी, जिसमें से 436 किमी सड़क भारत में और 12 किमी नेपाल में बनेगी। यह 4 लेन सड़क अयोध्या से शुरू होकर आजमगढ़, मऊ, और देवरिया होते हुए बिहार में प्रवेश करेगी। बिहार में यह सड़क सीवान, छपरा, मशरख, शिवहर, और सीतामढ़ी से होकर नेपाल सीमा पर स्थित भिट्टा मोड़ से जनकपुर जाएगी।
चार चरणों में होगा निर्माण
इस सड़क के निर्माण को चार चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में सीवान से मशरख तक 50 किमी, दूसरे चरण में मशरख से चकिया तक 48 किमी, और तीसरे चरण में चकिया से भिट्टा मोड़ तक 103 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी। इन तीनों चरणों के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है, और टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। चौथे चरण में उत्तर प्रदेश के हिस्से की सड़क का निर्माण होगा।
धार्मिक पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा
राम जानकी पथ के निर्माण से उत्तर प्रदेश, बिहार, और नेपाल के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या और जनकपुर के बीच कनेक्शन बनने से इन स्थानों पर श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। साथ ही, व्यापारिक और व्यवसायिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। एनएचएआई के एक्सईएन प्रतीक कुमार के अनुसार, डीपीआर का काम अंतिम चरण में है और मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।