Thursday, June 1, 2023
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अतीक और अशरफ का कई दिनों से पीछा कर रहे थे तीनों हमलावर, पुलिस को बताई हत्या की पूरी प्लानिंग

DESK: उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन हमलावरों के खिलाफ रविवार को एफआईआर दर्ज की, जिसमें कहा गया कि तीनों हमलावरों ने इन दोनों भाइयों को मारने के लिए कई दिनों तक उनका पीछा किया, लेकिन मौका नहीं मिल पाने के कारण पहले ऐसा नहीं कर पाए. इन तीनों हमलावरों पर हत्या, हत्या के प्रयास और अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज किया गया है.

धूमनगंज थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य द्वारा दर्ज प्राथमिकी में बांदा निवासी लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज जिले के अरुण कुमार मौर्य (18) को अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारने के आरोप में नामजद किया गया है.

प्रयागराज शहर के कोल्विन अस्पताल परिसर में शनिवार रात करीब 10.30 बजे पत्रकार बनकर आए इन तीन हमलावरों ने अतीक और उनके भाई को गोलियों से छलनी कर दिया. तब पुलिस दोनों को नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए वहां लाई थी. इस दौरान अतीक और अशरफ मीडिया से बात कर रहे थे तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी और कैमरे के सामने ही दोनों की हत्या कर दी गई.

अपना नाम बनाने के लिए किया माफिया का कत्ल

शाहगंज थाने के एसएचओ अश्विनी कुमार सिंह ने रविवार सुबह 9.53 बजे प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की. एफआईआर के मुताबिक, तीनों हमलावरों ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने अतीक और अशरफ को उनके गिरोह का सफाया करने और राज्य में अपना नाम बनाने के लिए मार डाला.

एफआईआर के मुताबिक, ‘इन तीनों हमलावरों ने पुलिस को बताया कि वे सुरक्षा व्यवस्था को भांपने में विफल रहे और इसलिए घटनास्थल से भाग नहीं सके और पकड़े गए. उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों को पुलिस रिमांड में भेजे जाने के बाद से वे पत्रकारों की भीड़ के साथ अहमद और अशरफ का पीछा कर रहे थे, क्योंकि उनका इरादा इन दोनों भाइयों को मारने का था, लेकिन मौका नहीं मिल पाने के कारण पहले ऐसा नहीं कर पाए.

पूरे दिन रखी अतीक-अशरफ पर नजर

हमलावरों ने कहा कि उन्हें जब पता चला कि अतीक और अशरफ पुलिस हिरासत में हैं और उन्हें चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है, तभी उन्होंने हमले की योजना बनाई. उन्होंने तय किया कि खुद को पत्रकारों के रूप में पेश करके वे अतीक के बहुत करीब जा सकते हैं और शनिवार को पूरे दिन अन्य पत्रकारों के साथ मिलकर उन पर नज़र रखी.

पुलिस ने एफआईआर में कहा कि हमलावरों ने अतीक और अशरफ के करीब पहुंचने के लिए अन्य पत्रकारों के साथ खुद भी मीडियाकर्मी बनकर घुलमिल गए. दोनों भाइयों को जब मोतीलाल नेहरू (कॉल्विन) मंडल अस्पताल में चिकित्सा जांच के लिए ले जाया जा रहा था, तभी ये दोनों उसके पास पहुंचे और इससे पहले कि कोई प्रतिक्रिया कर पाता, तीनों हमलावरों ने बेहद करीब से अतीक और अशरफ पर अत्याधुनिक हथियारों से गोलियां चला दीं.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तीनों हमलावरों को उनके हथियारों के साथ घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया गया. उनके पास से तीन फर्जी मीडिया आईडी कार्ड, एक माइक्रोफोन और एक कैमरा बरामद किया है.एक स्थानीय अदालत ने बाद में हमलावरों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमलावर लवलेश तिवारी भी इस गोलीबारी में घायल हुआ है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतीक और उसके भाई की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है.

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