बिहार में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। राजद विधायक मुकेश रोशन ने हाल ही में चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के तीन सांसदों को लेकर बड़ा दावा किया है। उनके अनुसार, चिराग पासवान के तीन सांसद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संपर्क में हैं, और बीजेपी चिराग पासवान की पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
राजद का आरोप: ‘बीजेपी की आदत है पार्टियों को तोड़ना’
मुकेश रोशन ने कहा कि बीजेपी का यह पुराना खेल है। उन्होंने उदाहरण दिया कि इससे पहले वीआईपी के तीन विधायक और चिराग पासवान के पांच सांसदों को भी तोड़ा गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की पार्टी (जदयू) को भी बीजेपी तोड़ने का प्रयास कर चुकी है। राजद विधायक ने चिराग पासवान को तेजस्वी यादव के साथ आने का सुझाव भी दिया, यह कहते हुए कि अगर वे बिहार के विकास की बात करते हैं, तो उन्हें तेजस्वी यादव का साथ देना चाहिए।
एलजेपीआर की प्रतिक्रिया: ‘हम अपने नेता से दगा नहीं करेंगे’
चिराग पासवान की पार्टी के सांसद राजेश वर्मा ने राजद के दावों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान ने उन्हें मौका दिया है और वे उनसे दगा नहीं करेंगे। वर्मा ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल ‘ख्याली पुलाव’ पका रहे हैं और पार्टी पूरी तरह से एकजुट है।
जदयू का पलटवार: ‘राजद की जमानत जब्त होगी’
जदयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री जमा खान ने भी राजद के दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि एनडीए पूरी तरह से मजबूत है और 2025 के विधानसभा चुनाव में राजद के नेताओं की जमानत जब्त हो जाएगी। जमा खान ने कहा कि चिराग पासवान के सांसदों की संख्या बिहार में तेजस्वी यादव की पार्टी से ज्यादा है और वे किसी अन्य पार्टी के संपर्क में नहीं हैं।
चिराग पासवान के सांसद
बिहार में चिराग पासवान की पार्टी के पास वर्तमान में पांच सांसद हैं। ये सांसद जमुई, खगड़िया, हाजीपुर, वैशाली और समस्तीपुर सीटों से चुनकर आए हैं। राजद के दावे के बाद, यह देखना होगा कि बिहार की राजनीतिक स्थिति किस दिशा में आगे बढ़ती है, लेकिन फिलहाल, एलजेपीआर ने अपनी एकजुटता बनाए रखने का संकल्प लिया है।