पटना. सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार और झारखंड के सबसे चर्चित घोटालो में से एक चारा घोटाला के एक मामले में लालू प्रसाद समेत तीन आरोपियों को पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होनी है. चारा घोटाला के आरसी 63 ए, 1996 से जुड़ा यह मामला भागलपुर और बांका कोषागार से फर्जी विपत्र पर लाखों की अवैध निकासी का है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को मामले की सुनवाई हुई.
दरअसल पशुपालन घोटाला से संबंधित इस मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रजेश कुमार सिंह की अदालत में बुधवार को कांड संख्या आरसी 63 (ए)/96 में सुनवाई में आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से अधिवक्ता सुधीर कुमार सिन्हा ने अदालत में एक आवेदन देकर प्रोडक्शन वारंट जारी करने की मांग की गई. इस संबंध में लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिन्हा ने बताया कि लालू प्रसाद यादव अभी 47 (ए)/96 में बिरसा मुंडा होटवार रांची जेल में हैं. यह मामला भागलपुर के बांका कोषागार से 46 लाख रुपये की अवैध निकासी का है.
इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 19 लोगों के खिलाफ अदालत में सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान लालू यादव समेत तीनों के वकीलों ने कोर्ट को आवेदन देकर अनुरोध किया कि रांची सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाला के एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया है. वो न्यायिक हिरासत में हैं. उसके बाद अधिवक्ताओं ने इस मामले में उन्हें पेश होने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी करने का अनुरोध किया. इसके बाद कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी करने का आदेश दिया.
चारा घोटाला का यह मामला अभियोजन साक्ष्य पर चल रहा है. आरसी 63ए, 1996 के इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत 19 आरोपी हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के अलावा इस मामले में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद आरके राणा, नौकरशाह, फूलचंद सिंह, बेक जुलियस सहित 19 लोगों पर पटना सीबीआई की विशेष अदालत में ट्रायल चल रहा है. इस मामले में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक की मानें तो कुल 76 अभियोजन गवाह पेश कर गवाही पूरा करा चुके हैं.
पिछले दिनों इस मामले में 76वें गवाह के रूप में सीबीआई की तरफ से पशुपालन विभाग के पूर्व निदेशक केके श्रीवास्ताव की गवाही हो चुकी है. चारा घोटाला के इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद समेत कुल 44 आरोपियों पर चार्जशीट दायर की थी. ट्रायल के दौरान 44 में से 25 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है. सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा मृत आरोपियों के खिलाफ ट्रायल बंद किया जा चुका है.