DESK: इन दिनों प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की धूम हर जगह सुनाई दे रही है। लोग हर साल इस पवित्र स्नान में भाग लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इसी बीच, एक दिलचस्प और हैरान करने वाली घटना सामने आई है। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले का एक 12 साल का बच्चा, राजू, महाकुंभ में स्नान करने की इच्छा से घर छोड़कर निकला था। वह केवल 150 रुपए लेकर अपनी यात्रा पर निकला, लेकिन भटकते-भटकते वह दमोह जिले में पहुंच गया।
राजू के घर से निकलने की कहानी बेहद दिलचस्प है। उसने टीवी पर महाकुंभ का प्रसारण देखा था और उसमें भाग लेने की इच्छा जताई थी। महाकुंभ के दर्शन और गंगा स्नान करने का उसका सपना था। राजू ने बिना किसी दिशा-निर्देश के घर से सिर्फ 150 रुपए लेकर निकल पड़ा। उसने सोचा था कि वह कहीं न कहीं पहुंचकर स्नान करेगा, लेकिन रास्ते में ही वह अपनी दिशा खो बैठा और दमोह पहुंच गया।
दमोह रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ के बीच पुलिसकर्मी यात्रियों की मदद कर रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर राजू पर पड़ी, जो अकेला और भटकता हुआ दिखा। पुलिस ने उसे तुरंत थाने लाकर पूछताछ की। यहां पर राजू ने बताया कि वह उमरिया जिले का रहने वाला है और उसकी पूरी यात्रा बिना किसी योजना के हुई थी। उसने कहा कि उसे ट्रेन का पता नहीं था और उसने अपनी यात्रा ट्रेन बदलते हुए पूरी की। वह सिर्फ 50 रुपए के साथ दमोह पहुंचा था, जबकि पहले उसके पास 150 रुपए थे।
राजू आदिवासी समुदाय से है, और उसके माता-पिता मजदूरी करते हैं। पुलिस ने उसकी जानकारी जुटाने की पूरी कोशिश की, लेकिन पहले जो मोबाइल नंबर उसने दिया था, वह बंद था। इस कारण पुलिस उससे संपर्क नहीं कर पाई। हालांकि, दमोह पुलिस अब साइबर सेल की मदद से उस नंबर की जांच कर रही है और उमरिया तथा अनूपपुर जिले की पुलिस से भी संपर्क कर रही है।
दमोह पुलिस ने राजू की देखभाल करना शुरू कर दिया है और उसे सुरक्षा प्रदान की है। सीएसपी अभिषेक तिवारी ने कहा कि पुलिस की पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द राजू के माता-पिता से संपर्क किया जाए और उसे घर वापस भेजा जा सके। दमोह पुलिस की संवेदनशीलता और तत्परता की हर जगह सराहना हो रही है, क्योंकि उन्होंने न सिर्फ बच्चे को सुरक्षित किया, बल्कि उसकी चिंता भी की।
अब सभी को उम्मीद है कि जल्दी ही राजू अपने माता-पिता से मिल सकेगा और वह अपने घर लौट पाएगा। इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि बच्चों की मासूमियत और उनकी इच्छाएं कभी-कभी उन्हें ऐसी स्थितियों में ले आती हैं, जहां उन्हें खुद की सुरक्षा का ख्याल रखना मुश्किल हो जाता है।