GAYA: (संजय केशरी) बिहार सरकार लगातार जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है कहा जाता है कि सड़के विकास की वाहक होती है लेकिन अगर यही सड़क बनते ही अपने पुराने स्थिती में पहुँच जाए तो इसको भ्र्ष्टाचार या संवेदको की लापरवाही भी कहा जा सकता है और इसमें केवल सरकार की बदनामी होती है और यह बदनामी उनके प्रतिनियुक्त अधिकारियों एवं संवेदको के वजह से झेलना पड़ता है मामला गया जिला के बोधगया से सटे मोहनपुर थाना क्षेत्र के हेमजापुर से राजवर टाली बने सड़क का है यह सड़क पहले भी विवादों में रहा है.
भ्र्ष्टाचार का भेंट चढ़ा डंगरा से राजवर टाली जाने वाली सड़क , महज एक वर्ष में ही हुआ गढे में तब्दील।
इसलिए कि इसके विवरणी बोर्ड में डंगरा से राजवर टाली अंकित है इस प्रकार 5 किलोमीटर सड़क की निर्माण कम हुआ जिसको लेकर स्थानीय जनता भी जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश ब्यक्त किया था और फिर यह सड़क हेमजापुर से बना दिया गया है इस सड़क के बने 1 वर्ष कुछ ही महीने हुए है और सड़क गढ़े में तब्दील हो गयी है जिससे आम आदमी के लिए समस्या का विषय बना हुआ है बता दे कि यह सड़क विभिन्न गांवों को जोड़ते हुए बोधगया जाती है इसकी निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से किया गया विवरणी तालिका के अनुरूप इसकी लंबाई लगभग 9.5 किलोमीटर है और कार्य समाप्ति की तिथि बीते अगस्त 2020 है लेकिन इसकी रखरखाव की तिथि समाप्ति से पांच वर्षों तक किया जाता है परंतु संवेदक अम्बुज शर्मा का कोई ध्यान नही है और रहेगा भी क्यों बनाकर कभी देखने तक जो नही आते । न ही कोई संबंधित अधिकारी इसका सुध लेते हैं जिसका खामियाजा सड़क और ग्रामीण को भुगतना पड़ रहा है हमने कुछ राहगीरों से बात किया तो उनलोगों ने साफ कहा कि इसमें संवेदक और अधिकारी दोनों को लापरवाही का नतीजा है कि सड़क इतने कम समय मे गढ़े में तब्दील हो गया है उन्होंने आगे कहा कि अभी ठंड का मौसम है इसलिए अभी ज्यादा परेशानी नही है परंतु जैसे ही बारिश का मौसम आएगा पैदल चलना भी दूभर हो जाएगा साथ ही साथ गढे में पानी जमा होगा और सड़क का कोई आता पता नही होगा । उपरोक्त मामले के संबंध में संबंधित कार्यपालक अभियंता शेरघाटी एवं कनीय अभियंता से दूरभाष पर इसका कारण जानना चाहा परंतु बात नही हो सका।