ओवैसी के बिहार दौरे से चढ़ा सियासी पारा, मुस्लिम बहुल सीमांचल में पदयात्रा से किसकी उड़ेगी नींद?
DESK: मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बिहार के सीमांचल दौरे पर शुक्रवार शाम पहुंच जाएंगे. AIMIM प्रमुख ओवैसी पश्चिम बंगाल के बागडोगरा एयरपोर्ट से शाम किशनगंज पहुंचेगें. रात्रि विश्राम वह किशनगंज सर्किट हाउस में करेंगे. इसके बाद शनिवार से उनका मैराथन कार्यक्रम की शुरूआत होगी. ओवैसी के सीमांचल में आगमन को लेकर सियासी तापमान बढ़ गया है.
शुक्रवार को बिहार विधानसभा में भी औवेसी के मामले पर जोरदार हंगामा हुआ. बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने औवेसी पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगा दिया. हरिभूषण ठाकुर बचौल ने असदुद्दीन ओवैसी को जिन्ना का नया अवतार बता दिया. इसके साथ ही बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया कि ओवैसी के दौरे से पहले किशनगंज में मंदिर को आग के हवाले कर दिया गया.
बीजेपी असदुद्दीन ओवैसी विरोधी राजनीति करती है तो जाहिर सी बात है कि वह बयानों के जरिए हमलावर रहेगी. लेकिन औवेसी की यात्रा से बीजेपी से ज्यादा महागठबंधन खास कर एनडीए में खलबली होगी. औवेसी के यात्रा से आरजेडी की नींद कैसे हराम हो सकती है यह जानने से पहले अगले दो दिनों तक उनका कार्यक्रम रहने वाला है यह जान लेते हैं.
सीमांचल अधिकार यात्रा पर असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल दौरे के दौरान किशनगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज, बहादुरगंज, बाएसी और अमौर में अलग अलग जगहों पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे. वह इस दौरान छोटी- छोटी जनसभा करेंगे. पदयात्रा करेंगे और नाव से भी सुदूर इलाकों में जाकर लोगों से मिलेंगे. 19 मार्च को बहादुरगंज, ठाकुरगंज और जोकि में वह जनसभा करेंगे.इस दौरे को सीमांचल अधिकार यात्रा का नाम दिया गया है.
2020 में AIMIM का शानदार प्रदर्शन
दरअसल औवेसी की पार्टी ने बिहार विधानसभा 2020 में शानदार प्रदर्शन किया था. पार्टी ने यहां पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी बाद में उनकी पार्टी के चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए. अब औवेसी अपनी पार्टी के विधायक तोड़े जाने का हिसाब आरजेडी से लेंगे. औवेसी के निशाने पर जहां बीजेपी नेता रहेंगे वहीं आरजेडी पर भी वह हमलावर रहेंगे. पश्चिम बंगाल से सटे सीमांचल में 40 से 70 प्रतिशत तक मुस्लिम आबादी है. पिछले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने यहां तीन लाख से ज्यादा वोट पाया था. इसके बाद विधानसभा में पांच सीटों पर जीत दर्ज की तो कई सीटों पर आरजेडी से जीत छीन भी लिया. यही वजह है कि आरजेडी औवेसी को बीजेपी की बी टीम बताती रही है.
बीजेपी चाहेगी मजबूत हो औवेसी
अब जब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ हो गए हैं तब बीजेपी चाहेगी की सीमांचल में AIMIM का प्रभाव बढ़े जिससे मुस्लिम वोट का बंटबारा हो और बीजेपी के लिए यहां रास्ता आसान हो जाए. असदुद्दीन ओवैसी भी अपने विधायकों को तोड़े जाने का मुद्दा जोरशोर से उठाएंगे. और लोगों से सहानुभूति पाने की कोशिश करेंगे. असदुद्दीन ओवैसी आरोपों पर सधा जवाब देने के लिए जाने जाते हैं. अब देखना है कि बीजेपी की बी टीम कहे जाने पर वह सीमांचल में क्या जवाब देते हैं.