बिहार

14 साल की दुल्हन, 47 का दूल्हा: सहेली की सूझबूझ से बालिका वधू बनने से बची नाबालिग, पुलिस ने रुकवाई शादी

रोहतास। बाल विवाह पर कानूनी रोक के बाद भी माता-पिता अपनी ही संतान को दलदल में धकेल रहे हैं। इसके लिए आधार कार्ड में उम्र बढ़ाने का गैर कानूनी उपाय भी कर रहे हैं। शुक्रवार को ऐसा ही मामला अमझोर थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव में प्रकाश में आया, माता-पिता ही 14 वर्ष की नाबालिग पुत्री का विवाह 42 वर्ष के अधेड़ से कराने की तैयारी में थे।

विवाह को वैध बताने के लिए बच्ची के आधार कार्ड में फर्जी तरीके से उसकी उम्र को 18 वर्ष कराया गया था। जैसे ही यह भनक बच्ची के साथ विद्यालय में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली सहेली को लगी, उसने तत्पर होकर थानाध्यक्ष के मोबाइल फोन पर काल करके सूचित कर दिया।

पुलिस समय रहते गांव पहुंच गई और विवाह रूकवाया दिया। विद्यालय में दर्ज जन्मतिथि को आधार मान माता-पिता से बांड भरवाया कि उसके बालिग होने तक विवाह नहीं करेंगे। विशुनपुरा निवासी अखिलेश पासवान तिलौथू थाना के सेवही गांव निवासी 42 वर्षीय अधेड़ से सातवीं में पढ़ने वाली अपनी बेटी का विवाह डेहरी स्थित झारखंडी मंदिर में शुक्रवार को करने जा रहे थे।

फर्जी आधार कार्ड दिखाकर किया बालिग होने का दावा

एक दिन पहले गुरुवार को यह जानकारी उसकी सहेली को हुई तो उसने बिना विलंब किए पूरे मामले की जानकारी थानाध्यक्ष के मोबाइल पर दी। अमझोर थानाध्यक्ष कुसुम कुमार केसरी ने बताया कि सूचना मिलते ही गांव में पहुंची पुलिस छात्रा के माता-पिता को थाने लाई और बेटी की शादी कम उम्र में करने पर दंड के प्रविधान की जानकारी दी। इस पर नाबालिग के माता-पिता उसका फर्जी आधार कार्ड दिखा, उसके बालिग होने का दावा करने लगे।

विद्यालय के नामांकन रजिस्टर में उम्र सिर्फ 14 साल

इस पर पुलिस ने बच्ची के विद्यालय के प्रधानाध्यापक से नामांकन रजिस्टर में दर्ज उसकी जन्मतिथि की जानकारी ली, तब स्पष्ट हो गया कि उसकी उम्र मात्र 14 वर्ष है। इस आधार पर बच्ची के मां-पिता से गवाहों की उपस्थिति में बांड भरवा कर उन्हें छोड़ा गया। सख्त चेतावनी दी गई कि अगर 18 वर्ष से कम उम्र में पुत्री का विवाह कराया तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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