बिहारभागलपुर

फाइव स्टार होटल से कम नहीं इंजीनियर श्रीकांत शर्मा का घर, रेड में मिले 98 लाख कैश कहां से आए?

DESK: पुल निर्माण निगम के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर श्रीकांत शर्मा के ठिकाने पर निगरानी ब्यूरो की विशेष टीम ने आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी की। बुधवार सुबह भागलपुर में हनुमान नगर मोहल्ला स्थित इंजीनियर के चार मंजिला मकान पर जांच टीम ने धावा बोला। तलाशी में नोटों से भरे दो सूटकेस मिले। गिनती करने पर 97.80 लाख नकद निकले। सवा किलो सोने के आभूषण के अलावा एक सोने की बिस्कुट और 3 किलो 230 ग्राम चांदी के गहने बरामद हुए हैं। इनका मूल्य करीब 69 लाख रुपये आंका जा रहा है।

इंजीनियर श्रीकांत शर्मा के घर रेड में लगभग 30 जगहों पर जमीन-जायदाद से संबंधित कागजात मिले हैं। इसमें जमीन के प्लॉट से जुड़े कागजात सर्वाधित हैं। ये प्लॉट पटना, भागलपुर, देहरादून, ऋषिकेश और मुंगेर में हैं। कुछ स्थानों पर फ्लैट और मकान की बात भी सामने आई है। भागलपुर स्थित इनके कार्यालय में भी सर्च किया गया है। अब तक की जांच में शर्मा के खिलाफ आय से 3.18 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति पकड़ी गई है।

भागलपुर में फाइव स्टार होटल जैसा 4 मंजिला घर

इंजीनियर श्रीकांत शर्मा के भागलपुर वाले चार मंजिला घर की आंतरिक साज-सज्जा किसी फाइव स्टार होटल की तर्ज पर की गई है। करोड़ों की साज-सज्जा के बारे में भी जांच टीम तफ्तीश करने में जुटी हुई है। इसमें खर्च की जांच की जाएगी। 18 पासबुक, पॉलिसी के 10 से ज्यादा कागजात मिले हैं। तमाम बैंक खातों में भी लाखों रुपये जमा हो सकते हैं। फिलहाल इनमें रखी पूरी राशि का विवरण संबंधित बैंकों से प्राप्त किया जा रहा है। इन सभी खातों में हुए लेन-देन की भी जांच होगी।

नकद और जमीन की होगी अलग से जांच

निगरानी ब्यूरो की टीम बरामद 97.80 लाख नकद को लेकर इनसे अलग से पूछताछ करेगी। यह जानेगी कि ये रुपये कहां से आए और किनके हैं। इसमें किसी अन्य की भी क्या हिस्सेदारी है या पूरी राशि इनकी ही है। क्या किसी प्रोजेक्ट या मामले में इतनी मोटी राशि घूस के तौर पर ली गई है? इन सभी पहलुओं की निगरानी ब्यूरो अलग से जांच करेगा।

इतना कैश कहां से आया? इंजीनियर के पास कोई जवाब नहीं

आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी के घेरे में आए वरीय अभियंता श्रीकांत शर्मा के दफ्तरों पर भी विजिलेंस की टीम ने जांच की। सुबह साढ़े 10 बजे के करीब दो अलग-अलग टीम ने पथ निर्माण विभाग और बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के दफ्तर पहुंचकर जांच शुरू की। टीम ने दोनों दफ्तर के कर्मियों को परिचय बताकर चैंबर खोलने को कहा। चैंबर खोलने के बाद करीब डेढ़ घंटे तक तमाम कागजातों की जांच की। साथ ही अभियंता के दफ्तर आने की रुटीन की जानकारी ली।

निगरानी की पूछताछ में लगभग 98 लाख रुपये नकद मिलने को लेकर जब इंजीनियर से सवाल पूछा जाने लगा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। जमीन के ज्यादातर कागजात इंजीनियर की पत्नी और बच्चे के नाम बताए जा रहे हैं। उनका एक बेटा विदेश में भी रहता है।

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