बिहार

बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, 17 एजेंडों पर लगी मुहर, पेंशनभोगियों को सरकार ने दिया बड़ा तोहफा

DESK: आज सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है. आज हुई कैबिनेट बैठक में कुल 17 प्रस्तावों पर मुहर लगी. इन प्रस्तावों में मीठापुर महुली एलिवेटेड सड़क के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करने के अलावा बिहार सरकार की पुरानी पेंशन व्यवस्था में जीवन काट रहे पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में इजाफे के प्रस्ताव को भी कैबिनेट से मंजूरी मिली है.

पंचम वित्त आयोग से प्राप्त कर रहे पेंशनभोगियों को अब 412 फ़ीसदी DA मिलेगा. इनके मंहगाई भत्तों में 16 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है. इसके अलावा छठे वित्त आयोग से पेंशन प्राप्त करनेवाले पेंशनरों को 221 फीसदी महंगाई भत्ता कर दी गई है. मौजूदा समय में इनका महंगाई भत्ता 212 फीसदी है.  इसके अलावा जल संसाधन विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर प्रेम प्रकाश को बर्खास्त करने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. वहीं, वही कृषि विभाग के कृषि निदेशक रविशंकर प्रसाद सिंह की बर्खास्तगी की मंजूरी भी कैबिनेट ने दे दी है.

सदन में बीजेपी ने जमकर किया हंगामा

बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया. जैसे ही नेता प्रतिपक्ष ने बोलना शुरू किया तो उन्हें रोक दिया गया. जिसके बाद हंगामा और भी बढ़ गया और बीजेपी के दो विधायकों को मार्शल आउट कर दिया गया.

बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज

पटना में BJP के द्वारा आज गांधी मैदान से विधानसभा मार्च निकाला गया है. गांधी मैदान से इसे शुरू किया गया था, लेकिन जैसे ही मार्च डांक बंगला चौराहा पहुंचा तो पुलिस के द्वारा उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया गया. उनके ऊपर लाठी चार्ज किया गया, पानी की बौछार की गई. इतना ही नहीं आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इस घटना में बीजेपी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए हैं. राजधानी पटना रण क्षेत्र में तब्दील हो गया है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अपराधी को ये नहीं पकड़ रहे हैं और हमारे ऊपर गोलियां चलाई जा रही है.

क्यों निकाला गया विधानसभा मार्च?

आपको बता दें कि, शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल नीति को खत्म करने और शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्ज देने के लिए आज बीजेपी ने विधानसभा मार्च निकाला है. गांधी मैदान से इस मार्च को शुरू किया गया था. बेहद ही शांतिपूर्ण तरीके से बीजेपी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन जैसे ही मार्च डांक बंगला चौराहे पर पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की जब वो नहीं माने तो उनके ऊपर लाठियां बरसाई गई. बड़े नेताओं को भी नहीं छोड़ा गया. इस लाठीचार्ज में कई नेता घायल हो गए हैं.

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