बिहार

PCS Jyoti Maurya: बेटियों को पढ़ाएंगे बहुओं को नहीं, ज्योति मौर्या केस के बाद बछवल के लोग बोले- हमें नहीं बनना हीरा ठाकुर

आजमगढ़: एसडीएम ज्योति मौर्या का पति आलोक मौर्या के बीच सामने आए विवाद के बीच बछवल आजमगढ़ के लोगों ने बड़ा फैसला लिया है. ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से तय किया है कि वह बेटियों को तो खूब पढ़ाएंगे, लेकिन बहुओं को नहीं. आजमगढ़ का बछवल वही गांव है, जहां ज्योति मौर्या की ससुराल और पति आलोक मौर्या का घर है. गांव के लोगों का कहना है कि ज्यौति मौर्या ने पहले ही समाज की बहुत जगहंसाई करा दी. इसे देखकर गांव के लोगों को हीरा ठाकुर बनने का सपना टूट गया है. अब गांव का कोई भी आदमी अपनी बहुओं को पढ़ाने का रिस्क नहीं लेगा.

बता दें कि शिक्षिका से एसडीएम बनी ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य का विवाद लगातार गहराता जा रहा है. दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा. फिलहाल इनकी शादी के कार्ड पर ग्राम पंचायत अधिकारी पदनाम लिखे जाने को लेकर विवाद गर्म है. इसी बीच एसडीएम ज्योति मौर्या के ससुराल से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. इसमें ग्रामीणों ने पंचायत कर फैसला किया है कि वह अपनी बेटियों को तो खूब पढ़ाएंगे, लेकिन बहुओं को शादी के बाद बिल्कुल नहीं पढ़ाएंगे. ग्रामीणों ने यह फैसला ज्योति मौर्या के कृत्य के बाद लिया है.

ग्रामीणों के मुताबिक ज्योति मौर्या की हरकत की वजह से समाज की देश में काफी किरकिरी हो चुकी है, हमें काफी बदनामी का सामना करना पड़ा है. लेकिन अभी भी बहुत ज्यादा देर नहीं हुई है. ज्योति मौर्या अब भी अपनी गलती में सुधार कर वापस लौट आए सबकुछ ठीक हो सकता है. लेकिन यदि वह ऐसा नहीं करती है तो उसका यह कृत्य समाज के लिए बहुत घातक परिणाम देने वाला बन जाएगा. आलोक मौर्य के बचपन के मित्र कृष्णा ने TV9 से बातचीत की. कहा कि आलोक और उनके पिता ने बहुत परिश्रम और बलिदान से ज्योति मौर्या को इस मुकाम तक पहुंचाया है. लेकिन ज्योति ने उन्हें ऐसा पारश्रमिक दिया के ये लोग जीवन भर नहीं भूल पाएंगे.

एक दूसरे को पहले से जानते थे दोनों परिवार

कहा कि अगर ज्योति मौर्या समझ जाती हैं तो ठीक है, अन्यथा परिणाम बहुत बुरा होगा. आलोक मौर्य के अन्य मित्रों ने बताया कि आलोक और ज्योति का परिवार एक दूसरे को बखूबी जानता और पहचानता था. शादी के पहले से इन दोनों परिवारों में बहुत अच्छे संबंध थे. मित्रों ने यह भी बताया कि आलोक मौर्य एक पिता के साथ-साथ एक मां का भी धर्म निभाते थे. दरअसल जब ज्योति मौर्या अपने ट्रेनिंग या पढ़ाई के लिए जाती थी तो उसके दोनों जुड़वा बच्चियों को आलोक के पिता ही संभालते थे. इसलिए ज्योति को तो पता ही नहीं होगा कि मां का दर्द कैसा होता है. खुद आलोक अपनी बच्चियों की परवरिश के लिए ड्यूटी में से समय निकाल कर पहुंच जाता था, लेकिन ज्योति मौर्या उसी ड्यूटी की जांच कराकर आलोक मौर्य को नौकरी से बर्खास्त कराना चाहती है.

गांव के तमाम ग्रामीणों ने कहा कि बछवल में अब कोई बहु पढ़ाई नहीं करेगी. यह फैसला किसी घर विशेष के लिए नहीं, बल्कि गांव के हरेक घर और सभी समाज के लोगों के लिए है. यह फैसला सभी लोगों ने एक राय होकर लिया है. कहा कि इस घटना से पूरा गांव ही नहीं, बल्कि पूरा समाज दुखी है. सभी लोगों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वह आने वाली पीढ़ियों को क्या जवाब देंगे. पूरा गांव अब फैसला कर चुका है कि अपनी बेटियों को तो जरूर पढ़ाएंगे लेकिन बहुओं को नहीं. अब इस गांव के लोग नहीं चाहते कि गांव में इस तरह की कोई और घटना हो.

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