धर्म

Basant Panchami Puja Muhurat 2024: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त जानें, इस मुहूर्त में करें पूजा

Basant Panchami Puja Muhurat 2024: बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता के अनुसार, इस दिन विधि विधान से माता की पूजा की जाए तो माता सरस्वती की कृपा जीवन भर बनी रहती है. इस बार बसंत पंचमी पर शुभकारी योग बन रहा है. इस वर्ष माघ शुक्ल पंचमी बुधवार यानी कल सायं 05:40 तक है, जिसमें रेवती नक्षत्र व शुभ नामक योग मिल रहा है इसलिए इस बार की बसंत पंचमी सर्वमंगलकारी है.

शास्त्रों में बसंत पंचमी को बहुत शुभ दिन माना जाता है. सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए बसंत पंचमी का दिन बहुत श्रेष्ठ माना जाता है. माना जाता है बसंत पंचमी के दिन अगर संगीत, गायन और लेखन से संबंधित कार्य शुरू किए जाएं तो उन कार्यों में सफलता जरूर मिलती है. बच्चो की शिक्षा की शुरुआत के लिए भी बसंत पंचमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है. इस बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए TV9 डिजिटल हिंदी ने बात की ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय से.

सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त जानें

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय बताते हैं कि सरस्वती पूजन का सर्वोत्तम मुहूर्त कल सुबह 11:13 से दोपहर 01:10 तक है. पंचांग के अनुसार, इस शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा करना बहुत ही शुभ होगा

बसंत पंचमी पर्व क्यों मनाया जाता है

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ये पर्व वास्तव में ऋतुराज वसन्त की अगवानी की सूचना देता है. इस दिन से ही होरी तथा धमार,गीत प्रारम्भ किये जाते हैं. गेहूँ तथा जौ की स्वर्णिम बालियाँ भगवान को अर्पित की जाती हैं. इस दिन भगवान विष्णु तथा सरस्वती के पूजन का विशेष महत्व है.

माता सरस्वती की उत्पत्ति

कथाओं में बताया गया है कि भगवान विष्णु की आज्ञा से प्रजापति ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना करके जब उसे संसार में देखते थे तो चारों और सुनसान दिखाई देता था. उदासी से सारा वातावरण मूक सा हो गया था .जैसे किसी की वाणी न हो. यह देखकर ब्रह्मा जी ने संसार से उदासी और मलिनता को दूर करने के लिए अपने कमण्डल से जल छिड़का. उन जलकणों के पड़ते ही वृक्ष से एक शक्ति उत्पन्न हुई जो दोनों हाथों से वीणा बजा रही थी और दोनों हाथों में पुस्तक और माला धारण किये थी.

ब्रह्मा जी ने उस देवी से वीणा बजाकर संसार की मूकता तथा उदासी दूर करने को कहा तब उस देवी ने वीणा के मधुर-नाद से सब जीवों को वाणी प्रदान की इसलिए उस देवी को सरस्वती कहा गया. ये देवी विद्या,बुद्धि को देने वाली हैं. इसलिए जो व्यक्ति माँ सरस्वती की पूजा निष्ठा पूर्वक करता है उसे बुद्धि विद्या की प्राप्ति होती है.

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