राजनीति

Bihar Politics: लालू के शादी-शुदा वाले बयान पर घमासान, तारकिशोर प्रसाद ने पूछा-दोनों बेटों ने से किसे बनाना चाहते हो PM?

Patna: आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव के शादी-शुदा वाले बयान पर घमासान मचा हुआ है. लालू यादव के मुताबिक, देश के पीएम को बिना पत्नी के नहीं रहना चाहिए. जो बिना पत्नी के पीएम की कोठी में रहते हैं ये गलत हैं. वहीं, अब पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने लालू यादव पर पलटवार किया है. तार किशोर प्रसाद ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री को लेकर लालू यादव का बयान गलत है. इसका मतलब राहुल गांधी पीएम नहीं बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति पर यह दुर्भाग्यपूर्ण शान है कि राष्ट्रीय जनता दल जिसका एक भी लोकसभा में सांसद नहीं है वह बोले कि भारत में प्रधानमंत्री कौन हो? यह गलत है और उन्होंने जो बयान दिया है कि शादीशुदा प्रधानमंत्री होना चाहिए इसका मतलब ये राहुल गांधी विवाहित नहीं हैं तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं, इनके जो 2 पुत्र हैं दोनों शादीशुदा हैं तो किसको प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं बताएं.

महागठबंधन को लेकर तारकिशोर प्रसाद का बड़ा बयान

वहीं, महागठबंधन को लेकर तारकिशोर प्रसाद के बड़ा बयान दिया है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि आरजेडी-जेडीयू के बीच कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. नीतीश अपने हिसाब से सरकार चलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल का अपना एजेंडा है कि तेजस्वी यादव कैसे मुख्यमंत्री बनेंगे? पूरे मंत्री परिषद पर राष्ट्रीय जनता दल कैसे प्रभावी होगी तो ये सारे साइड इफेक्ट हैं जो समय-समय पर इस तरीके के स्वरूप में निकलते हैं और RJD के MLC सुनील कुमार सिंह ने अपने सरकार पर काफी कुछ कहा है. जब सरकार के माननीय विधायक या माननीय पार्षद इस तरीके की बात करते हैं तो आप समझ सकते हैं कि सत्ता और शीर्ष की लड़ाई है, इनको बिहार से कोई लेना देना नहीं है ना विकास से कोई लेना देना है.

शिक्षा विभाग के विवाद पर बोले तारकिशोर प्रसाद

वहीं, तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग है और सबसे ज़्यादा बजट वाला ये विभाग है, लेकिन जब इसके मंत्री शिक्षा छोड़कर अलग-अलग बिंदुओं पर बात करते हैं, सनातन धर्मियों के भावनाओं को लगातार ठेस पहुंचाते हैं, हिन्दू धर्म ग्रंथ की अपने तरीके से व्याख्या करते हैं तो स्वाभाविक है कि इस तरीके की प्रस्तुतियां पैदा होंगी और इसी आलोक में मुझे लगता है कि नीतीश कुमार अपने बात को सीधे तरीके से नहीं रखा है, वो खुद इस तरीके के अधिकारियों को भेजकर उन्हें ठिकाना लगाने का प्रयास करते हैं.

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