राजनीति

Ram Mandir Pran Pratishtha: RJD विधायक के बिगड़े बोल, ‘अब विद्या की देवी मां सरस्वती पर किया टिप्पणी’

Ram Mandir Pran Pratishtha: एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होने जा रहा है, जिस पर देशभर के लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं. वहीं राजद विधायक राम मंदिर और भगवान राम को लेकर विवादित बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं. बता दें कि राजद कोटे के विधायक लगातार भगवान राम को लेकर सवाल उठा रहे हैं. खुद को महिषासुर का वंशज बताने वाले डेहरी विधायक फतेह बहादुर ने एक बार फिर सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है. फतेह बहादुर ने जहां श्रीराम को काल्पनिक बताया है. वहीं अब माता सरस्वती को विद्या की देवी मानने से इंकार कर दिया है.

आपको बता दें कि एक तरफ जहां राजद सुप्रीमो लालू यादव मकर संक्रांति का त्योहार मना रहे हैं और राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा का भोज दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनके ही नेता सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी देने से बाज नहीं आ रहे हैं. दरअसल, आज राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया, जहां राजद-जेडीयू समेत कई नेता पहुंचे, वहीं फतेह बहादुर भी राबड़ी आवास पहुंचे, जहां मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने एक बार फिर भगवान राम को लेकर विवादित टिप्पणी की है.

आपको बता दें कि फतेह बहादुर ने कहा है कि, ”आज राजद सुप्रीमो के भोज में लोग दही-चूड़ा खाकर सभी नेताओं ने शपथ लिया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार को मिटा देंगे.” आगे उन्होंने कहा कि, ”आज बिहार के सभी नेता राबड़ी आवास आ रहे हैं, दही चूड़ा खा रहे हैं और शपथ ले रहे हैं कि, बीजेपी सरकार को मिटाना है और संविधान को बचाना है.”

वहीं बातों-बात में जब पत्रकारों ने फतेह बहादुर से पूछा कि, ”वह सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान क्यों दे रहे हैं?” इस सवाल पर जवाब  देते हुए राजद विधायक ने कहा कि, ”जो बातें मैंने कही है पहले उसका जवाब दे दें. उसके बाद आगे का सवाल पूछे.” फतेह बहादुर ने आगे कहा कि, ”जिस चीज को सुप्रीम कोर्ट ने काल्पनिक मान लिया है उस चीज के लिए प्रदर्शन करने का कोई मतलब ही नहीं है. आपलोग सुप्रीम कोर्ट से जाकर पूछिए  वह राम को काल्पनिक क्यों बताई ?” वहीं राजद विधायक ने आगे कहा कि, ”शिक्षा की देवी मां सरस्वती नहीं बल्कि सावित्रीबाई फूले हैं. शिक्षा में सरस्वती की क्या भूमिका है ?” अब एक बार फिर फतेह बहादुर के इस बयान पर सियासत गरमा गई है.

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