बिहार

राम नवमी की शोभा यात्रा पर ही क्यों होती है पत्थरबाजी, ताजिया पर क्यों नहीं? : विजय सिन्हा

Patna: राम नवमी के अवसर पर बिहार के सासाराम और नालंदा में शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार से बिहार विधानसभा में जमकर सवाल पूछा. सरकार पर अल्पसंख्यकों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए विजय सिन्हा ने सवाल पूछा कि आखिर राम नवमी के अवसर पर शोभा यात्रा पर ही क्यों पत्थरबाजी की जाती है? ताजिया के जुलूस पर पत्थरबाजी क्यों नहीं होती है? विजय सिन्हा ने विधानसभा में कहा कि जब शांति समिति की बैठक होती है तो सभी धर्म के लोग मौजूद रहते हैं. जिस थाना क्षेत्र में ये घटनाएं हुई हैं वहां पहले भी इस तरह की वारदात हो चुकी है. ऐसे में सरकार पहले से सजग क्यों नहीं थी. उन्होंने आगे कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं लेकिन आज तक कभी भी ये नहीं सुना की ताजिया के जुलूस पर कभी पत्थरबाजी हुई है लेकिन राम नवमी के अवसर पर शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी अक्सर होती है. हिंदुओं को अपमानित किया जाता है और बिहार को आतंकियों का गढ़ बना दिया गया है.

कबतक अल्पसंख्यकों की मेहमाननवाजी करेगी सरकार

विजय सिन्हा ने आगे सवाल किया आखिर कब तक अल्पसंख्यकों की मेहमान नवाजी राज्य सरकार करती रहेगी. बांका में मदरसे में बम बिस्फोट हुए, भागल पुर के नाथ नगर में बम बिस्फोट हुआ है और शीर्ष अधिकारी बयान देते हैं कि बम नहीं पटाखा विस्फोट हुआ था. मामले को दबाने का प्रयास किया जाता है. जिन लोगों ने पत्थरबाजी की उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाती बल्कि पीड़ितों को ही अपराधी बनाकर जेल में भेज दिया जाता है. बिहार शरीफ, मुजफ्फरपुर, नालंदा, गया में ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं?  आज जिसके घर में घटना घटित होती है, जिनके लोग मारे जाते हैं, जिनकी दुकानें लुट रही है, उन्हें ही अपराधी बनाकर जेल भेज दिया जाता है. बिहार में मदरसों के अंदर आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है. बम बनाते हुए सासाराम में जो घायल हुए हैं कौन हैं? बांका में मदरसे के अंदर जो बम विस्फोट हुआ था उस मामले को क्यों दबा दिया जाता है?

बम विस्फोट मामले का जुलूस से संबंध नहीं: DGP

डीजीपी ने रविवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि हिंसा में नालंदा में एक शख्स की मौत हुई है मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं, सासाराम में बम विस्फोट कांड के मामले में डीजीपी ने बताया कि एफएसएल की टीम मौके पर भेजी गई और ये बात सामने निकलकर आई है जुलूस के दौरान हुई हिंसा से बम विस्फोट का कोई संबंध नहीं है. विस्फोट में घायल हुआ शख्स बम बना रहा था. वह अपराधी है और पहले भी जेल जा चुका है. बम बनाने के दौरान विस्फोट हुआ और शख्स घायल हो गया, डीजीपी ने बताया कि हमें मौके पर जो चीज मिली उससे ये पता लगा है कि जो बम बना रहा था वह खुद ही विस्फोट में घायल हुआ है. कोई हमला नहीं हुआ था. घायल शख्स को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अपराधियों द्वारा बम बनाया जा रहा था झोपड़ी में. पहले भी उसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे. उसमें 6 लोग घायल हुए हैं. बम विस्फोट का मामला अलग है और जुलूस के दौरान हुई हिंसा से उसका कोई सम्बन्ध नहीं है. बम बनाने वाला घायल हुआ है, उसका इलाज चल रहा है जैसे ही वह ठीक होगा उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी. मामले में केस दर्ज किया गया है.

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