धर्म

Masik Durgashtami Vrat 2023: मासिक दुर्गाअष्टमी पर ऐसे करेंगे पूजा, बरसेगी माता की कृपा

Masik Durgashtami Vrat 2023: हिंदू पंचांग के मुताबिक हर मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी को मासिक दुर्गाष्टमी अष्टमी कहा जाता है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है, यह अष्टमी मां दुर्गा को समर्पित होती है. मान्यता है कि इस मासिक दुर्गाष्टमी के दिन व्रत और विधि-विधान से दुर्गा मां की पूजा करने पर माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मासिक दुर्गा अष्टमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है.

अश्विनी माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को सभी दुर्गा अष्टमी में सबसे लोकप्रिय माना जाता है इसलिए इसे महा अष्टमी या दुर्गाष्टमी कहा जाता है. इस शुभ दिन मां दुर्गा के हथियारों की भी पूजा की जाती है. देवी दुर्गा के भक्त इस दिन उनकी पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी रखते हैं. वैसे तो मासिक दुर्गाअष्टमी देशभर मनाई जाती है लेकिन भारत के कुछ उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में इस अष्टमी को पूरी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाने की परंपरा है.

कब है मासिक दुर्गाष्टमी 2023?

पंचांग के अनुसार, इस बार भाद्रपद मास की मासिक दुर्गाअष्टमी 23 सितंबर 2023, शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और साथ ही उनको प्रसन्न करने के लिए व्रत रखने की मान्यता है.

मासिक दुर्गाष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त

भाद्रपद मासिक दुर्गाष्टमी 23 सितंबर, शुक्रवार दोपहर 01:35 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 23 सितंबर, शनिवार दोपहर 12:17 मिनट पर समाप्त होगी इसलिए भाद्रपद माह का मासिक दुर्गाष्टमी व्रत 23 सितंबर 2023 को रखा जाएगा.

मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

  • मासिक दुर्गाष्टमी के दिन प्रात: काल उठकर स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहनें.
  • देवी मां की पूजा से पहले घर के मंदिर को मांगलिक पत्र तोरण और फूलों से सजाएं.
  • पूजा से पहले एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर ही दुर्गा मां की स्थापना करें.
  • इसके बाद मां दुर्गा को लाल चुनरी, अक्षत, सिंदूर, लाल फूल आदि अर्पित करें
  • इस दिन घर और मंदिर में गंगाजल छिड़के उसके बाद ही पूरी श्रृद्धा के साथ देवी दुर्गा की पूजा करें.
  • थाली में धूप, अगरबत्ती और दीया जलाकर मां दुर्गा आरती उतारकर फलों या मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं.
  • आरती करने के बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें और उनको चढ़ाया हुआ प्रसाद सभी में बांटें.
  • छोटी कन्याओं को भोजन कराएं और अपने सामर्थ्य अनुसार भेंट या दक्षिणा दें.
  • मासिक दुर्गाष्टमी पर दिन भर व्रत रखकर दुर्गा मंत्रों का जाप पाठ करें.

दुर्गा अष्टमी व्रत का महत्व

सनातन धर्म में मान्यता है कि यदि कोई भी भक्त पूरे समर्पण और श्रृद्धा के साथ दुर्गा अष्टमी व्रत का पालन करता है तो उसका जीवन खुशी और सौभाग्य से भर जाता है. देवी मां दुर्गा अपने भक्तों के सभी पापों का नाश करती हैं. देवी दुर्गा को खुस करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए यह दुर्गा अष्टमी व्रत बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकता है. इस दिन व्रत करने वालों को मां दुर्गा सुरक्षा प्रदान करती हैं.

इस दिन देवी दुर्गा चालीसा का पाठ करने से पारिवारिक जीवन सुखमय होता है और सभी इच्छा पूरी होती हैं. साथ ही जीवन की समस्याओं दुखों से छुटकारा मिलता है. इतना ही नहीं, मासिक दुर्गाष्टमी के दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने पर व्यापार करियर के क्षेत्र में भी उन्नति के योग बनते हैं.

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