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महिला ने अपनी बेस्ट फ्रेंड को लिया गोद, बन गई ‘मां’, वजह है बेहद खास

DESK: दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने अनाथालयों से बच्चों को गोद लिया है और उन्हें पाल-पोसकर बड़ा कर रहे हैं, उनकी सारी ख्वाहिशों को पूरा कर रहे हैं. वैसे आमतौर पर तो बच्चों को ही गोद लिया जाता है, पर आजकल एक ऐसी महिला चर्चा में है, जिसने किसी बच्चे को नहीं बल्कि अपनी बेस्ट फ्रेंड को ही गोद ले लिया है. महिला दक्षिण कोरिया की रहने वाली है.

वह अपनी सबसे अच्छी दोस्त को कानूनी रूप से गोद लेने को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बन गई है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर उसने अपनी दोस्त को ही गोद क्यों लिया? असल में इसकी वजह बेहद ही खास है. ऑडिटी सेंट्रल नामक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, 44 वर्षीय इयुन सियो-रैन (Eun Seo-ran) एक रूढ़िवादी दक्षिण कोरियाई पितृसत्तात्मक परिवार में पली-बढ़ी हैं, जिसमें उनके पिता कमाने वाले थे और उनकी मां गृहिणी का काम करती थीं, जो अपने पति के साथ-साथ पूरे परिवार की भी सेवा करती थीं.

इयुन कहती हैं कि उनकी मां ने पूरी जिंदगी अपने पति की गुलामी की, लेकिन कभी भी उन्हें उनसे वो सम्मान नहीं मिला, जिसकी वो हकदार थीं. हां, पर इतना जरूर हुआ कि उन्होंने इयुन को अपने रास्ते पर नहीं चलने दिया. इयुन जब युवावस्था में थीं, तब उनकी मां ने उन्हें कभी भी किचन में नहीं जाने दिया था और हमेशा ही उन्हें एक स्वतंत्र महिला बनाने के लिए प्रेरित करती रही थीं.

ऐसे में इयुन ने कभी भी अपनी मां की तरह जीवन बर्बाद न करने की कसम खाई और उन्होंने शादी न करने और बच्चे पैदा न करने का फैसला किया. आज तक वह यही मानती हैं कि शादी करना उनके लिए गैर-जिम्मेदाराना होगा, लेकिन वह यह भी समझती है कि ऐसी परिस्थितियां भी होती हैं, जहां परिवार के सदस्य ही मदद कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2016 में वह शहरी जीवन के तनाव से दूर रहने और प्रकृति के करीब रहने के लिए एक गांव में चली गईं, जहां उनकी मुलाकात ली इओ-री से हुई. वह भी उनकी ही तरह विचार रखने वाली एक महिला थीं. ऐसे में कुछ ही समय में वो दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गईं और एक साल के अंदर ही दोनों साथ में ही रहने लगीं.

क्यों साथ रहने लगीं दोनों महिलाएं?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ समय के बाद दोनों महिलाओं ने फैसला किया कि वो जिंदगीभर एक परिवार की तरह साथ रहेंगी. उनका मानना था कि इससे असुरक्षा कम हो जाएगी. साथ ही बुढ़ापे में या किसी इमरजेंसी की स्थिति में भी उन्हें मदद मिलेगी, अगर वो दोनों साथ रहती हैं तो. उन्हें अपनी लाइफस्टाइल में सामंजस्य बिठाने में कुछ महीने का वक्त जरूर लगा, पर धीरे-धीरे उन्होंने एक परिवार की तरह रहना शुरू कर दिया. वो हर काम में एक दूसरे की मदद करती थीं.

अस्पताल ने दिखाया आगे का रास्ता

कुछ साल के बाद एक दिन इयुन को गंभीर सिरदर्द के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो उन्हें अहसास हुआ कि दक्षिण कोरियाई कानून सिर्फ परिवार के सदस्यों को ही मरीज के लिए जरूरी फैसले लेने या यहां तक ​​कि अस्पताल में उनसे मिलने की भी इजाजत देता है. अब इस कानून ने दोनों महिलाओं को सोचने पर मजबूर कर दिया कि एक-दूसरे की देखभाल करने के उनके प्रण का अब क्या होगा.

कोरिया में नहीं होता ऐसा

इयुन ने कहा, ‘हम जो चाहते हैं वह एकदम साधारण सी चीजें हैं, जैसे एक दूसरे की देखभाल करना, मेडिकल से जुड़े कागजातों पर एक दूसरे का साइन करना, हममें से किसी एक के बीमार होने पर उसकी देखभाल करने के लिए काम से छुट्टी लेना या जब हममें से किसी एक की मौत हो जाए तो अंतिम संस्कार का आयोजन करना, लेकिन कोरिया में ऐसा तब तक नहीं किया जा सकता जब तक हम कानूनी रूप से एक परिवार न हों’.

नहीं हो सकी दोनों की शादी

ऐसे में इयुन और ली ने फैसला किया कि वो दोनों एक दूसरे से शादी कर लेंगी, लेकिन दिक्कत ये थी कि दक्षिण कोरिया समलैंगिक शादी को मान्यता नहीं देता है. फिर उनके पास एक ही रास्ता बचा कि वो अपनी दोस्त को गोद ले लें. फिर क्या, इयुन ने ली को कानूनी रूप से गोद ले लिया और अपनी बेस्ट फ्रेंड की ‘मां’ भी बन गईं. दक्षिण कोरिया में इन दोनों महिलाओं की कहानी काफी चर्चा में है.

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