पश्चिमी चंपारण. बिहार के पश्चिमी चंपारण से बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल पत्नी से दुष्कर्म करने के मामले की सुनवाई करते पूरी करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम् सह पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद प्रसाद ने आरोपी पति को दोषी मानते हुए 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 60 हजार जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर सजायाफ्ता को एक वर्ष की अतिरिक्त कठोर सजा भुगतनी होगी.
सजायाफ्ता मुफस्सिल थाना के पूर्वी करगहिया निवासी रामबाबू महतो को बताया गया है. पॉक्सो एक्ट विशेष लोक अभियोजक वेदप्रकाश द्विवेदी ने बताया कि पत्नी के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी को स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलवायी गई है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में नाबालिग पत्नी ने अपने पति के विरुद्ध मुफस्सिल थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. उसने आरोप आरोप लगाया था कि उसका पति रामबाबू महतो जोर-जबरदस्ती कर जबरन दुष्कर्म करता था.
विरोध करने पर प्रताड़ित करता था पति
पत्नी ने आरोप लगाया कि पति विरोध करने पर शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित करता था. इतना ही नहीं ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया था. वेदप्रकाश द्विवेदी ने बताया कि स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई हो रही थी. इसी मामले में नाबालिग पत्नी से दुष्कर्म करने के मामले में न्यायाधीश दोषी माना है. भादवि की धारा 323,498(ए), 376,504,506 व पॉक्सो एक्ट के धारा 4,8 एवं 6 के तहत 20 वर्ष की सजा सुनाई है.
2019 में हुई थी शादी
बताया जा रहा है कि नाबालिग से शादी करना पति को महंगा पड़ा है. मुफस्सिल थाने में दर्ज एफआईआर में पीडिता की शादी वर्ष 2019 में हुई थी. शादी के समय उसकी उम्र 14 वर्ष थी, जबकि उसके पति रामबाबू महतो की उम्र उससे दोगुनी थी. शादी के बाद जब वह ससुराल आई तो पति सहित ससुराल वाले से शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित करने लगे. इसी बीच पीडिता ने एक बच्ची को भी जन्म दिया. उसके बाद भी आरोपियों का रवैया नहीं बदला.
पति सहित ससुराल वालों ने 22 मार्च 2021 को मारपीट कर पीड़िता को घर से निकाल दिया. उसके बाद नाबालिग ने मुफस्सिल थाने में 23 मार्च 2021 को एफआईआर दर्ज कराई थी. इसी मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पति रामबाबू महतो को दोषी पाते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई है.